विश्व प्रसिद्ध अमेरिकी फैशन डिजाइनर लिली पुलित्जर ने एक बार कहा था कि हमेशा अपना अदृश्य ताज पहनो. इस बात को हमारे देश की युवतियां सत्य सिद्ध कर रही हैं. हमारे देश की छोटीछोटी किशोरियां भी दर्पण के सामने खड़ी हो कर मिस इंडिया की तरह अपनी भावभंगिमाएं बनाती दिखती हैं, क्योंकि सौंदर्य प्रतियोगिताओं का प्रभाव किशोरियों पर अधिक पड़ता है. देशभर की अनेक युवतियां इस सपने को सच करने का जज्बा महसूस करती हैं. रीता फारिया, जीनत अमान, जूही चावला, ऐश्वर्या राय, सुष्मिता सेन, प्रियंका चोपड़ा से ले कर लारा दत्ता तक इन की लंबी सूची है. इन सभी का प्रादुर्भाव मिस इंडिया से ही हुआ है.

गत 3 वर्ष में देखा गया है कि भारतीय युवतियों ने विभिन्न सौंदर्य प्रतियोगिताओं में जीत के साथ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. 8 सर्वोत्तम भारतीय सुंदरियों ने विश्व स्तर पर कठिन प्रतियोगिताओं में ताज जीते हैं. भूमंडलीकरण व बदलते सामाजिक परिदृश्य में, बीते 10 वर्ष में विभिन्न सौंदर्य प्रतियोगिताएं अस्तित्व में आई हैं. इन प्रतियोगिताओं में भारतीय प्रतियोगियों ने अपनी काबिलीयत व दूरदर्शिता सिद्ध करते हुए इन सभी मंचों पर भारत को स्थायी स्थान दिलाया है. वर्ष 2013 में पूर्वा राणा ने भारत के लिए मिस युनाइटेड कौंटिनैंट में दूसरे स्थान का ताज जीत कर एक नई शुरुआत की. इस से पूर्व मिस वर्ल्ड हैरिटेज 2013 में स्वाति केन ने भी दूसरे स्थान का ताज प्राप्त किया था. 2013 में ही मिस एशिया पैसिफिक का खिताब सृष्टि राणा ने अपने नाम करते हुए सर्वश्रेष्ठ का ताज जीता. 2014 के मिस युनाइटेड कौंटिनैंट्स में दूसरे स्थान का ताज गैल निकोल डि सिल्वा ने अपने सिर बंधवा लिया. आशा भट्ट मिस सुपरनैशनल 2014 का सम्मानजनक खिताब जीतने वाली पहली भारतीय युवती बनीं.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...