‘निंदक नियरे राखिए...’ यह तो आप ने सुना ही होगा. इस का सीधा अर्थ है कि आलोचना से कभी घबराना नहीं चाहिए बल्कि आलोचक को अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि वह हमेशा आप की गलतियों को गिनवा कर आप को आगाह जो करता रहता है. भले ही सब के सामने उस के द्वारा आप की गलती गिनवाने के कारण आप को बुरा भी लगता होगा, लेकिन इस में फायदा आप का ही है. इसलिए घबराएं नहीं बल्कि उस से सीख लें.

दिल पर न लें

अगर कोई आप की कमियां गिनवाए तो उसे दिल पर न लें बल्कि बोल्ड बन कर सामना करें.

कमियां निकालने वालों से कैसे निबटें

चैलेंजिंग वे में लें

अगर कोई आप की बारबार कमियां गिना कर आप को लैडडाउन करने की कोशिश कर रहा है तो इसे चैलेंजिंग वे में लें. इस से आप खुद में नया चेंज लाने की कोशिश करेंगे.

कमियां निकालना आसान

जब कोई आप के द्वारा किए गए अच्छे काम पर भी आप को लैडडाउन करे तो उसे कहें कि किसी की भी कमियां निकालना बहुत आसान होता है, लेकिन जिस काम में तुम मेरी कमी निकाल रहे हो, एक बार उसे खुद कर के दिखाओ फिर समझ आएगा कि कहना जितना आसान होता है, करना उतना ही मुश्किल.

कटें नहीं

कहते हैं न कि जब कोई आप की ज्यादा निंदा करने लगे तो समझ जाएं कि आप ऊंचाइयों को छूने लगे हैं. इसलिए ऐसे लोगों से कटें नहीं बल्कि उन के बीच रह कर खुद को और इंपू्रव करने की कोशिश करें.

खुला चैलेंज दें

आप ने किसी प्रोजैक्ट पर काम किया है और ऐसे में आप का फ्रैंड ‘कितना बेकार प्रोजैक्ट बनाया है तू ने’ कह कर आप की हिम्मत तोड़ना चाहे तो आप कमजोर न पड़ें बल्कि उसे खुला चैलेंज दें कि अगर तू ने इतने टाइम में मुझ से बेहतर प्रोजैक्ट बना दिया तो मैं मान जाऊंगा कि यू आर बैस्ट. ऐसे में वह आप को कभी नीचा दिखाने की कोशिश नहीं करेगा.

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