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‘‘अभय आईएएस की प्रवेश परीक्षा पास कर के मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहा था. वर्षों पहले एक सड़क दुर्घटना में उस की मां का निधन हो गया था और वकील पिता अपाहिज हो गए थे. उस के घर में सिवा पिता और नौकर के कोई और न था.

‘उस के पिता ने कहा कि मालिनी जब तक चाहे उन के घर में सुरक्षित रह सकती है लेकिन उसे पुलिस में ससुराल वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करानी होगी. मुझे तो समय से होस्टल पहुंचना था, सो अभय अकेला ही मालिनी को ले कर थाने गया. फिर उस की अमेरिका में उस के घर वालों से बात करवाई. उन्होंने आश्वासन दिया कि वे पुनीत से बात करेंगे. उस जमाने में मोबाइल तो थे नहीं, ईमेल की सुविधा भी बहुत कम थी, सो रोज बात नहीं हो पाती थी.

‘‘खैर, अभय और उस के पिता ने मालिनी का बहुत साथ दिया, उस की देखभाल के लिए नौकरानी भी रख दी. लेकिन मालिनी के ससुराल वालों ने उस पर चोरी कर के घर से भागने के आरोप में उसे गिरफ्तार करवा दिया. अभय के पिता ने अपने संपर्क द्वारा उस की तुरंत जमानत तो करवा दी लेकिन इस से मालिनी का विदेश जाना खटाई में पड़ गया. पहले ही उसे कहीं दाखिला न मिलने के कारण वीजा नहीं मिल रहा था. और जैसे यह काफी नहीं था, पुनीत ने बदचलनी का आरोप लगा कर उसे तलाक का नोटिस भिजवा दिया. पुनीत को यूनिवर्सिटी में दाखिला मिल चुका था और पार्टटाइम जौब भी, अब उसे मालिनी के परिवार की मदद की जरूरत नहीं थी और वैसे भी, उस ने यह पूछ कर उन का मुंह बंद कर दिया था कि मालिनी किस रिश्ते से अभय के घर में रह रही है?

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