सुधा ने जब बेटी को जन्म दिया तो कंचन के पिता को विशेष खुशी नहीं हुई, वह चाह रहे थे कि बेटा हो. पर एक बेटे की उम्मीद में सुधा को 4 बेटियां हो गईं और ज्योंज्यों कंचन की बहनों की संख्या बढ़ती गई.
सौतेली मां की मार से कंचन का बचपन खो गया था. प्यार के दो बोल बोलने वाली और स्नेह के साथ खाना खिलाने वाली कोई थी तो बस, पड़ोस की सुधा आंटी. सुधा भी मां की ममता को तरस रहे कंचन के मन को अपने प्यार से भर देना चाहती थी लेकिन ऐसा वह कैसे करती?