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सावित्री के आकर्षण से भीड़ खिंचने लगी और पार्टी की छवि व उन का कद बढ़ता चला गया. अब वे पार्टी महासचिव की खास बन गई थीं. वे सफलता की सीढि़यां लांघती चली गईं, पहले एमएलसी, एमएलए, फिर एमपी. अपनी काली कमाई से नालायक बेटे को दुबई में शानदार होटल खुलवा दिया, जहां वह अपनी विदेशी गर्लफ्रैंड के साथ ऐशभरी जिंदगी जी रहा है. जब शिक्षा मंत्री बनीं तो मौडलिंग में असफल हुई बेटी, जो आत्महत्या करने को उद्दत थी, की इच्छा के अनुसार उस के नाम पर देशविदेश में फैशन डिजाइनिंग और मौडलिंग के कई कोचिंग इंस्ट्टियूट खुलवा दिए जहां हाईसोसाइटी के बच्चे कोर्स कर प्रतिभाशाली बनने की कोशिश में लगे हुए हैं.

बच्चों द्वारा की गई उपेक्षा पर मन खिन्न था, खुद को सांत्वना देते हुए सोचा. शायद बच्चों को इस बात का पता ही न हो, जनार्दनजी ने बताया भी है कि नहीं? चलो, मैं ही बात कर लेती हूं बच्चों से. तभी याद आया कि उन का मोबाइल भी तो पुलिस वालों ने रख लिया है अपने पास. इस तरह के उलटेसीधे खयाल आते रहे इन 24 घंटों में. अगले दिन जब समय कटना मुश्किल हो गया तो सोचा अखबार ही पढ़ लिया जाए. आवाज लगा कर अखबार मंगवाया तो एक कर्मचारी ने एक दिन पुराना मुड़ातुड़ा

अखबार ला कर सामने रख दिया. बड़े बेमन से बासी खबर पढ़ने के लिए अखबार खोला. अखबार के मुख्यपृष्ठ पर छपा था. ‘ड्रग्सघोटाला मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद सांसद सावित्री देवी को लोकसभा से अयोग्य ठहराया गया. चुनाव के नए नियमों के अनुसार, सांसद सावित्री देवी की लोकसभा की सदस्यता समाप्त होने के साथसाथ अब वे अगले 11 साल तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. लोकसभा के महासचिव ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है.’ आम जनता के साथसाथ देश की सभी पार्टियों ने कोर्ट के इस निष्पक्ष फैसले का स्वागत किया है. आगे लिखा था, ‘कोर्ट के इस फैसले से जाहिर होता है कि आज की जनता जागरूक हो चुकी है. वह भ्रष्टाचार और घोटालों को कतई बरदाश्त नहीं कर सकती. जनता जिसे सिर पर बैठाती है, गलती करने पर उसे कदमों तले भी रख सकती है. सीबीआई द्वारा सावित्री देवी की देशविदेश में संचित चलअचल संपत्ति पर छापा मारा जा रहा है.’

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