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कोरोना वायरस के जाल में
सुबह के सूरज से हुआ सुनहरा पानी ले कर यांग्त्जी नदी, और इस की सब से बड़ी सहायक नदी, हान नदी, शहरी क्षेत्र को पार करती हुई शान से वुहान को उस के 3 बड़े जिलों वुचांग, हानकोउ और हान्यांग में विभाजित करते हुए उसी प्रकार बह रही थी जैसे कल बह रही थी.
भाग - 1
गरिमा को पता न था कि बात उस के जीनेमरने तक आ पहुंचेगी. जिस खतरनाक बीमारी के बारे में वह पढ़ चुकी थी, आज वही बीमारी उस के मुहाने पर आ कर खड़ी थी. वह खुद को जाल में फंसा हुआ महसूस कर रही थी. क्या गरिमा के लिए यह दिन उस की जिंदगी का सब से काला दिन बनने वाला
भाग - 2
उसे क्यों भुगतनी पड़ी. उलटे, पतिपरिवार का साथ मिलने के बजाय उसे दुत्कार झेलनी पड़ी. जिल्लत का दंश सह कर भूल जाना क्या आसान था काम्या के लिए?
भाग - 3
पुलिस वाला शायद अपने स्टेशन वापस जाने की जल्दी में था, इसीलिए उस ने गरिमा से बिना कुछ कहे उस को अस्पताल के अंदर के रास्ते से संक्रामक रोग विभाग तक पहुंचा दिया और चला गया. विभाग के बाहर बोर्ड लगा था, ‘प्रवेश निषेध.’ अंदर जाने के लिए कीकार्ड की जरूरत थी.
भाग - 4
सीरिंज का डब्बा था. नोटिसबोर्ड पर अलगअलग रिसर्चपेपर के पहले पन्ने लगे हुए थे जिन में चूहों से हुई रिसर्च के प्रकाशन को दर्शाया गया था. बूढ़ा व्यक्ति वहां नहीं था, वह चूहों को रख कर चला गया था. गरिमा ने चूहों के झांपे को गौर से देखा. इन चूहों पर अभी प्रशिक
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