देश में परिवहन क्षेत्र में नई क्रांति आ रही है. सरकार पैट्रोल और डीजल से चलने वाले वाहनों की जगह वैकल्पिक ऊर्जा का इस्तेमाल करने पर जोर दे रही है. इस के तहत हाल ही में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र के नागपुर में इलैक्ट्रिक बैटरी से संचालित 200 बस, टैक्सी, आटो और आटोरिकशा को हरी झंडी दिखाई.

इस से पहले बाजार में ई-रिकशा आ चुके हैं और इस से सचमुच देश के हर कोने में क्रांति का माहौल है. साइकिल रिकशों की संख्या घट गई है. यह ठीक है कि गरीब के समक्ष रोटी का संकट पैदा हुआ है लेकिन शारीरिक श्रम की जो पराकाष्ठा साइकिल रिकशे के रूप में देखने को मिलती थी, सरेआम उस की धज्जियां अब नहीं उड़ेंगी.

यह बदलाव है और बदलते समय के अनुसार इस तरह के बदलाव आवश्यक हैं. नागपुर देश का पहला शहर बन गया है जहां बैटरी संचालित परिवहन सेवा की शुरुआत हो गई है. यह शुरुआत महिंद्रा ऐंड महिंद्रा तथा टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला के सहयोग से की गई है.

नितिन गडकरी ने कहा कि इस सेवा के लिए शहर में 4 चार्जिंग स्टेशन बनाए गए हैं. इन से फास्ट चार्जिंग तथा सामान्य चार्जिंग होगी. फास्ट चार्जिंग से बैटरी डेढ़ घंटे में तथा सामान्य चार्जिंग से 7 घंटे में चार्ज होगी. उन का कहना था कि वे जल्द ही 2 लाख बैटरी चालित बस शुरू करेंगे. इस के लिए जापान की एक कंपनी से बात चल रही है. ई-परिवहन व्यवस्था से जहां प्रदूषण नहीं होगा वहीं दावा किया जा रहा है कि इस से किराया आधा रह जाएगा. लोग अब नागपुर में पैट्रोल पंप की जगह ई-चार्जिंग स्टेशन खोलने की मांग करने लगे हैं.

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