बीएसई यानी बौंबे स्टौक एक्सचेंज का सूचकांक लगातार नया रिकौर्ड बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. उस की यही रफ्तार जारी रही तो जल्द ही सूचकांक 30,000 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर तक पहुंच जाएगा. अब तक सूचकांक 29644.9 अंक का उच्चतम मुकाम हासिल कर चुका है, हालांकि 2 साल पहले बीएसई का सूचकांक 29,683 अंक का रिकौर्ड बना चुका है. मार्च के पहले पखवाड़े में सूचकांक अपने पुराने रिकौर्ड स्तर के करीब पहुंच चुका है. नैशनल स्टौक एक्सचेंज भी इसी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.

5 राज्यों के विधानसभा चुनावों के बाद उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश में प्रचंड बहुमत और गोवा व मणिपुर में समर्थन जुटा कर सरकार का गठन कर चुकी भाजपा के सत्ता में आने से शेयर बाजार में उत्साह का माहौल है. मार्च के दूसरे पखवाड़े में शेयर बाजार की तेजी में थोड़ी सुस्ती जरूर देखी गई लेकिन बाजार के जानकारों का मानना है पूरे देश के लिए एक ही कर प्रणाली जीएसटी को संसद में मंजूरी मिलने के बाद बाजार में उछाल आएगा और सूचकांक नया रिकौर्ड स्थापित करेगा.

जीएसटी को कर प्रणाली में सुधार और एकीकृत कर व्यवस्था का क्रांतिकारी कदम बताया जा रहा है. जिस का सीधा असर बाजार पर पड़ना स्वाभाविक है. सरकार बैंकिंग क्षेत्र में भी सुधार लाने की दिशा में काम कर रही है. भारतीय बाजार में अर्थव्यवस्था की मजबूती को देखते हुए पी नोट्स यानी पार्टिसिपेटरी नोट के जरिए पूंजी निवेश फरवरी में साढ़े 3 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचा है. पी नोट्स के जरिए वे विदेशी भारतीय बाजार में अनुबंध के जरिए निवेश करते हैं जो हमारे यहां सीधे पंजीकृत नहीं हो सकते लेकिन भारतीय प्रतिभूतियों में निवेश करना चाहते हैं.

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