हमारे यहां हाट लगने की परंपरा है. हाट बाजार में रौनक रहती थी. सभी घरों के सदस्य अपनी जरूरत की वस्तुएं खरीदने के लिए हाट बाजार पहुंचते थे. हाट बाजार की जगह अब साप्ताहिक बाजारों ने ले ली है. वहां भी लोग मोलभाव कर के सस्ती दरों पर अपनी जरूरत की वस्तुएं खरीद लेते हैं. ज्यादा और महंगा सामान खरीदने के लिए लोग बड़े बाजार जाते हैं. खरीदारी की यह परंपरा धीरेधीरे मौल तक पहुंची लेकिन वहां भी अब चहलपहल कम होने लगी है. इस की वजह औनलाइन खरीदारी का प्रचलन है.

औनलाइन खरीदारी महानगरों के बाद अब छोटेछोटे नगरों की तरफ बढ़ रही है और तेजी से बाजार पर कब्जा कर रही है. औनलाइन खरीद के इस बढ़ते प्रचलन को देखते हुए बड़ी संख्या में कंपनियां इस बाजार में प्रवेश कर रही हैं. औनलाइन की नईनई दुकानें खुलने और ग्राहकों की संख्या में बेतहाशा वृद्धि के इस माहौल में अब कंपनियों ने चोरी शुरू कर दी है. घटिया सामान भी ग्राहक को बेचा जा रहा है और ग्राहक की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार को इस संबंध में बड़ी शिकायतें मिल रही हैं. फ्लिपकार्ट सहित

46 कंपनियों के बारे में सरकार को सूचना मिली है कि कंपनियां ग्राहकों की शिकायत का जवाब नहीं दे रही हैं. इन कंपनियों की मनमानी बढ़ गई है. सरकार को चाहिए कि इस दिशा में सख्त कदम उठाए और कंपनियों पर इतनी सख्ती हो कि वे ग्राहक को लूटने का भूल से भी कोई काम न करें. शिकायतों के निवारण के लिए वे अनिवार्यरूप से ग्राहक केंद्र स्थापित करें. निर्धारित समय में ग्राहक की शिकायतों का समाधान हो. ऐसा नहीं होने पर कंपनी के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की पुख्ता व्यवस्था बनाई जानी चाहिए.

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