देश में एकीकृत कर व्यवस्था वस्तु एवं सेवा कर जीएसटी के लागू होने से नौकरियों के अवसर बढ़ेंगे. जानकारों का मानना है कि 30 जून की मध्यरात्रि को संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में जीएसटी लागू करने के लिए आयोजित भव्य समारोह के बाद से ही लाखों लोगों के लिए रोजगार के द्वार खुल गए हैं.

जीएसटी लागू होने से बीमा कंपनियों, बैंकों, रियल एस्टेट तथा उपभोक्ता उत्पाद क्षेत्रों में बड़े स्तर पर जीएसटी के विशेषज्ञों की मांग बढ़ रही है. यह मांग लगातार अन्य कई क्षेत्रों में भी तेजी से बढ़ रही है. जीएसटी के तहत देश की करीब 85 लाख कंपनियों को पंजीकृत होना है और जीएसटी लागू करने के एक सप्ताह पहले तक करीब 65 लाख कंपनियां इस में पंजीकृत हो चुकी थीं, शेष कंपनियां तेजी से इस व्यवस्था से जुड़ रही हैं और इस के लिए उन्हें भी जीएसटी विशेषज्ञों की आवश्यकता होगी.

इस के अलावा, व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कौनफैडरेशन औफ औल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट ने भी व्यापारियों और छोटे कारोबारियों को जीएसटी से जोड़ने में उन्हें मदद पहुंचाने के लिए देशभर में जीएसटी क्लीनिक खोलने का निर्णय लिया है. इन क्लीनिकों के माध्यम से प्रशिक्षित विशेषज्ञ कारोबािरयों को जीएसटी से जोड़ने में मदद करेंगे.

खुद सरकार जीएसटी से जुड़े भ्रम की स्थिति को दूर करने के लिए विशेषज्ञों का सहारा ले रही है. जो एक अनुमान के अनुसार, देश में कारोबार करने वाली बड़ी कंपनियों में ही जीएसटी के कारण करीब 5 लाख लोगों के लिए रोजगार के अवसर खुल गए हैं.

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