देश के सब से बड़े बैंक स्टेट बैंक औफ इंडिया यानी एसबीआई की अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य ने बैंककर्ज माफ करने को गलत बताया है. उन का कहना है कि कर्जमाफी की राजनीति के कारण बैंक और ग्राहक के बीच का अनुशासन टूटता है, दोनों के बीच के संबंध खराब होते हैं. जो लोग कर्ज ईमानदारी से चुकाते हैं उन के पड़ोसी का कर्ज माफ होने पर उन के भीतर की ईमानदारी दम तोड़ने लगती है और वे भी कर्ज ले कर माफ होने का इंतजार करते हैं. इस तरह से लंबी चेन बन जाती है.

कुछ लोग बैंक का कर्ज चुकाने में सक्षम होने के बावजूद अगले चुनाव का इंतजार करते हैं कि उस में कर्ज माफ हो जाए. उन का कहना है कि किसान की मदद की जानी चाहिए लेकिन यह मदद अनुशासन के दायरे में ही होनी चाहिए. मुश्किल यह है कि हाल में 5 में से 4 राज्यों में सरकार का गठन कर चुकी भाजपा ने चुनाव में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया है. दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी को मुफ्त बिजलीपानी की सुविधा देने के बाद अब संपत्ति कर से भी मुक्ति देने की घोषणा की है.

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