पेशे से बिजनैसमैन और किसान राजेश्वर सिंह ने लखनऊ के आशियाना इलाके में अपने घर की जमीन के 3 हिस्से कर रखे हैं, जिन में उन्होंने बगिया तैयार कर रखी है. उन के घर की बाउंड्री पर अंगूर की लटकती हरीभरी बेल को देख कर अंदाजा लग जाता है कि उन की बगिया कितनी उपयोगी होगी. घर की बगिया के एक हिस्से में वे खेती करते हैं. इस में धान, गेहूं, केले, गन्ने और पपीते की फसलें तैयार होती हैं. दूसरा हिस्सा जो घर के सामने है वहां पर खूबसूरत लौन बनाया है. इस में फौआरा, विक्टोरियन स्टाइल के लैंपपोस्ट और एक झूला लगाया है. लौन के चारों ओर पपीते के पेड़ व अंगूर की बेल लगी है.

बगिया के तीसरे हिस्से में अमरूद, नीबू, अनार, पपीता जैसे फल लगे हैं. 80 साल के राजेश्वर सिंह इस की देखभाल करते हैं. इस काम में उन की बहू संगीता सिंह पूरी मदद करती हैं. संगीता कहती हैं, ‘‘हम घर की रसोई में अपनी बगिया में पैदा हुई सब्जी का उपयोग करते हैं. इस से हमें ताजी सब्जी खाने को मिलती है. खेत में सब्जी और दूसरी चीजों की फसल को तैयार करने के लिए मजदूरों की मदद लेते हैं. लौन और पेड़पौधों की देखभाल के लिए हम लोग मिल कर काम करते हैं.’’ 

घर की बगिया का इंटीरियर : राजेश्वर सिंह बताते हैं कि घर की बगिया को सुंदर बनाने के लिए जरूरी है कि घर की बगिया का भी इंटीरियर खूबसूरती से कराएं. बगीचे का रंगरूप ऐसा होना चाहिए जिस से वहां पर बैठने वाले को ताजगीभरा एहसास हो सके. बगीचा आप की रुचियों और बागबानी के तौरतरीकों को स्पष्ट करता है. जिन लोगों के बगीचे हमेशा टिपटौप रहते हैं उस से साफ पता चलता है कि वे लोग बगीचे की देखरेख सही तरीके से करते हैं. पौधों के बीच हिडेन लाइट का प्रयोग किया जाता है, जिस से पौधे की हरियाली और रोशनी दोनों का ही एहसास होता रहता है.

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