पहले परवल स्वीट गांवों में शादियों के समय बनाई जाती थी. आमतौर पर पहले शादियां गरमी के मौसम में ही होती थीं. केवल खोए या छेने की मिठाई बनवाने का काम महंगा होता था. ऐसे में बचत के लिए परवल स्वीट की शुरुआत की गई. कुछ ही दिनों में इस मिठाई का स्वाद लोगों की जबान पर ऐसा चढ़ा कि लोग इस के दीवाने हो गए. रवींद्र गुप्ता कहते हैं, ‘परवल स्वीट दूसरी मिठाइयों से बिल्कुल अलग होती है. यह खाने में रसदार होने का एहसास जरूर कराती है, पर असल में सूखी मिठाई होती है. इसे कहीं लाने ले जाने में भी दिक्कत नहीं होती है.’

परवल स्वीट केवल लखनऊ में ही नहीं बनती. दूसरे शहरों की खास मिठाई की दुकानों में भी यह मिठाई मिल जाती है. इस का हराभरा मीठा स्वाद खाने का अलग मजा देता है. दूसरी मिठाइयों के मुकाबले इस में कैलोरी की मात्रा कम होती है. इसलिए भी परवल स्वीट ज्यादा पसंद की जाती है. जिन लोगों को परवल की सब्जी उस के बीजों की वजह से अच्छी नहीं लगती, वे परवल स्वीट का मजा ले सकते हैं.

कैसे बनाएं परवल स्वीट

परवल स्वीट को बनाना मुश्किल नहीं होता है. इसे बनाने के लिए सब से पहले अच्छे किस्म के एक साइज के ताजे परवल लेने चाहिए. एक साइज के परवल देखने में अच्छे लगते हैं.

परवलों को सही तरह से धोने के बाद उन का छिलका उतार दें. चाकू से परवलों के बीच में चीरा लगाएं. इस के बाद परवलों के बीज निकाल दें.

अब पानी और चीनी को मिला कर चाशनी बना लें. चाशनी में परवलों को डाल कर धीमी आंच पर चढ़ा दें और 10-15 मिनट तक पकने दें. खयाल रखें कि परवल जलने न पाएं.

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