खानपान के कारोबार में नएनए प्रयोग हो रहे हैं, जिन से खाने वालों को नए नए स्वाद मिल रहे हैं. जरूरत इस बात की है कि खाने की चीजों को लंबे समय तक खराब होने से कैसे बचाया जा सके. इस के लिए मिठाइयों में दूध या दूध से बनी चीजों का इस्तेमाल कम से कम किया जा रहा है.

खोए के मुकाबले मेवों से बनने वाली मिठाइयां लंबे समय तक चलती हैं. मेवे महंगे होने के कारण उन से तैयार होने वाली मिठाइयां भी महंगी हो जाती हैं. संतरा बरफी सेहत के लिए भी खोए की मिठाइयों से बेहतर होती है.

लखनऊ के छप्पन भोग मिठाई शौप के मालिक विनोद गुप्ता कहते हैं, ‘हमारे देश में तमाम तरह के फलों की पैदावार होती है. इन फलों में सेहत और स्वाद का खजाना छिपा होता है. इन फलों का स्वाद लोग हमेशा लेना चाहते हैं. ऐसे में हम ने कुछ मिठाइयों को फलों के स्वाद वाली बनाने की शुरुआत की है. संतरा बरफी उन में से एक है.

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पहले यह बेसन से तैयार होती थी. उसे संतरे का रंग और स्वाद दिया जाता था. पर वह खाने में बहुत अच्छी नहीं लगती थी. ऐसे में संतरा बरफी को नए तरीके से पेठे की तरह से तैयार किया जाने लगा है. यह बेसन से तैयार बरफी से अलग होती है. इसे पेठे की तरह तैयार कर के इस में संतरे के पल्प से तैयार रस मिलाया जाता है. इस वजह से इस में संतरे के स्वाद और ताजगी का एहसास होता है.’

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