दोस्त के बर्थडे, विवाह आदि अवसरों पर गरमागरम ऐस्प्रैसो कौफी तो आप ने अवश्य पी होगी, यह सफेद एवं भरपूर झाग वाली बढि़या कौफी है. इस का स्वाद साधारण कौफी से कहीं बेहतर होता है. तभी तो केवल एशियावासी ही नहीं, यूरोपवासी भी इस के दीवाने हैं. ऐस्प्रैसो, जिसे लोग कौफी की एक किस्म समझते हैं, वास्तव में केवल कौफी बनाने का एक अत्यंत सरल और द्रुतगति वाला तरीका है, जो कुछ ही सैकंड में कौफी के ढेरों कप तैयार कर देता है.

ऐस्प्रैसो का जन्म इटली में 1910 में अत्यंत रोचक परिस्थितियों में हुआ. इटली का एक रेस्तरां अपने स्वादिष्ठ भोजन के लिए बहुत प्रसिद्ध था. वहां लोग दूरदूर से भोजन करने आते और साथ ही भोजन के बाद गरम चाय या कौफी पीना पसंद करते. इतने लोगों के लिए ढेरों कप कौफी तुरंत तैयार करना अत्यंत कठिन हो जाता था.

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होटल की पाकशाला के कर्मचारियों को फौरन कौफी या चाय बड़े पैमाने पर न बना पाने के कारण ग्राहकों और होटल मालिक की दोहरी झिड़कियां सुननी पड़ती थीं, अत: उन्होंने एक मीटिंग बुलाई, जिस में येत्से नामक एक 17 वर्षीय किशोर भी शामिलथा. उस ने कहीं पढ़ रखा था कि भाप से पानी गरम किया जा सकता है. उस ने इन कर्मचारियों को सलाह दी कि यदि भाप की मशीन बनाई जाए तो उन की समस्या हल हो सकती है. कर्मचारियों को येत्से का सुझाव पसंद आया. उन्होंने यह विचार अपने मालिक के दोस्त के सामने रखा और दोस्त ने अपने मित्र यानी रेस्तरां के मालिक को यह बात बताई. मालिक ने फौरन इस पर अमल किया और भाप के युग में इस नई तकनीक का प्रयोग करते हुए ऐस्प्रैसो मशीन का निर्माण हुआ.

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