बॉलीवुड में संघर्ष कर कंगना रनौत ने बतौर अदाकारा अपना एक मुकाम बना लिया है, जबकि उनके अभिनय को सराहने वाली फिल्मों में ‘क्वीन’, ‘तनु वेड्स मनु’ और ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न’ का ही जिक्र होता है. इसके बावजूद कंगना रनौत तो जैसे हवा में उड़ रही हैं. वे दावे कर रही हैं कि उनकी फिल्म ‘क्वीन’ के कारण भारतीय सिनेमा बदला है. वह दावे के साथ कहती हैं कि उनकी वजह से अब फिल्मों से टैग खत्म हो गए.

जी हां! हाल ही में एक खास मुलाकात के दौरान कंगना रनौत ने अपने करियर की चर्चा करते हुए कहा कि -‘‘मेरे करियर में क्वीन ही अति महत्वपूर्ण मोड़ कही जाएगी, इस फिल्म से नाम, शोहरत, स्टारडम और एक उत्कृष्ट अदाकारा के रूप में उन्हें पहचान मिली. इस फिल्म में एक मूवमेंट नजर आया. मेरी फिल्म ‘क्वीन’ ने न सिर्फ मुझे रास्ता दिखाया, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री के लिए भी टर्निंग प्वाइंट रही है. मूवमेंट के साथ ही एक पैरलल सिनेमा, जो कि नीश दर्शकों के लिए ही विकसित हुआ है. इसी तरह की बहुत ज्यादा फिल्में बनने लगी हैं. अब तो ‘पीकू’,‘नीरजा’, ‘पिंक’, ‘बेबी’ जैसी फिल्मों के लिए रास्ता खुल गया है. अब सिर्फ महिला प्रधान ही नहीं, बल्कि खास मुद्दों पर आधारित फिल्मों का निर्माण शुरू हो चुका है. अब कंटेंट पर आधारित फिल्में बनने लगी हैं.

2014 से पहले आप जो सिनेमा देख रहे थे, उस वक्त कटेंट फिल्म का अर्थ था जिन्हें असफल फिल्मों का दर्जा दिया गया हो. मगर ‘क्वीन’ फिल्म के बाद कंटेंट फिल्म का टैग हट गया है. पहले यदि कोई फिल्म फेस्टिवल में चली जाती थी, तो उस फिल्म का सिनेमा घरों में प्रदर्शन असंभव हो जाता था. फेस्टिवल फिल्म के लिए पूरे देश में दो सौ स्क्रीन मिलना भी मुश्किल था, तो ऐसी फिल्मों को बुरा माना जाता था. पहले राष्ट्रीय पुरस्कार को भी अहमियत नहीं दी जाती थी.

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