89 वर्ष की उम्र में भारतीय सिनेमा के मशहूर गीतकार नक्ष लायलपुरी का 22 जनवरी 2017 को सुबह ग्यारह बजे देहांत हो गया. वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे. नक्ष लायलपुरी की गिनती मशहूर शायर, गीतकार के साथ साथ कवि के रूप में भी होती रही है.

जब तक भारतीय सिनेमा व भारतीय साहित्य जिंदा रहेगा, तब तक लोग उनके गीत, उनकी शायरी व उनकी कविताओं को गुनगुनाते रहेंगे. उन्होंने हिंदी फिल्मों के अलावा हिंदी के कई सर्वाधिक चर्चित रहे टीवी सीरियलों और पंजाबी फिल्मों के लिए भी काफी गीत लिखे.

नक्ष लालपुरी का असली नाम जसवंत राय शर्मा था, पर उन्होंने लेखक के तौर पर अपना नाम नक्ष लायलपुरी रखा था और इसी नाम से उन्हें पूरी दुनिया जानती है. यहां तक कि उनके बेटे व फिल्म निर्देशक राजन ने भी अपने नाम के आगे लायलपुरी का ही उपयोग करते आ रहे हैं.

नक्ष लायलपुरी का जन्म 24 फरवरी 1928 को पंजाब के अंतर्गत आने वाले लायलपुर में हुआ था जो कि अब पाकिस्तान का हिस्सा है. बिजली विभाग में इंजीनियर के तौर पर कार्यरत पिता के बेटे नक्ष लायलपुरी की शुरूआती शिक्षा लायलपुर जिले के अंतर्गत आने वाले गांव में तथा 5वीं से 8वीं तक की शिक्षा रावलपिंडी में हुई थी. उसके बाद उन्होंने हॉस्टल में रहकर पढ़ाई की. इसी दौरान उर्दु टीचर उनकी लेखनी से प्रभावित हुए, जिसकी वजह से नक्ष का झुकाव साहित्य की तरफ बढ़ता चला गया. जबकि उनके पिता उन्हें इंजीनियर बनाना चाहते थे. विज्ञान विषय में नंबर कम आने की वजह से उनके पिता काफी नाराज भी हुए थे. पर जब नक्ष ने उनसे कहा कि वह कवि बनना चाहते है, तो उनके पिता ने उनकी पढ़ाई छुड़वा दी. फिर वह लाहौर जाकर उर्दु दैनिक ‘रंजीत निगारा’ में नौकरी करने लगे और शेरो व शायरी की महफिलों में समय बिताने लगे. पर 1947 में जब देश का विभाजन हुआ, तो वह अपने पूरे परिवार के साथ शरणार्थी बनकर लखनऊ पहुंच गए.

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