उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ घूमने के लिहाज से बहुत साफसुथरी और ऐतिहासिक जगह है. नवाबी और अंगरेजी शासनकाल में बनी यहां की इमारतें वास्तुकला का बेजोड़ नमूना हैं. 1775 से 1856 तक लखनऊ अवध राज्य की राजधानी था. नवाबीकाल में अवध की अदब और तहजीब का विकास हुआ. लखनऊ की रंगीनियों और शानोशौकत के किस्से भी खूब चटखारे ले कर सुने और सुनाए जाते हैं. लखनऊ का इतिहास बहुत पुराना है. समय के साथसाथ इस का नाम और पहचान भी बदलती रही है. पहले इस का नाम लक्ष्मणपुरी फिर लखनपुरी और बाद में लखनऊ हो गया. लखनऊ में पश्चिमी से ले कर देशी खाने तक का अद्भुत स्वाद लिया जा सकता है. यहां तेजी से बड़े रेस्तरां और मिठाइयों की दुकानें खुली हैं. ‘मधुरिमा’, ‘रामआसरे’, ‘छप्पन भोग’, ‘राधे लाल परंपरा’ इन में से खास हैं.

लखनवी अंदाज की मिठाइयां लखनऊ आने वालों को खूब लुभाती हैं. खाने के लिए चाट, समोसे, कचौड़ी व कुलफी का आनंद लिया जा सकता है. ‘टुंडे कबाब’ के यहां कबाब और बिरयानी का स्वाद चखा जा सकता है. लखनऊ फलों में दशहरी आम और मिठाई में गुलाब रेवड़ी के लिए मशहूर है. हजरतगंज यहां का बहुत मशहूर बाजार है. अब तो यहां कई शौपिंग मौल व मल्टीप्लैक्स भी खुल गए हैं. घूमने और खरीदारी के लिए लखनऊ में हर तरह के बाजार हैं. इन में अमीनाबाद, हजरतगंज, निशांतगंज, आलमबाग और चारबाग प्रमुख हैं. चिकनकारी के कपड़े यहां की खासीयत हैं. आनंदी वाटर पार्क, ड्रीमवर्ल्ड अंडररूफ वाटर पार्क और ड्रमीवैली में घोड़ा, ऊंट और बैलगाड़ी की सवारी के साथ देशी खाने का स्वाद लिया जा सकता है.

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