लंदन से हमें एडिनबर्ग, स्कौटलैंड के लिए ट्रेन पकड़नी थी. हम चाय व हलके नाश्ते के बाद घर से निकल पड़े. टैक्सी ठीक 8 बजे आ गई. 10 बजे दिन में लंदन क्रिसक्रौस स्टेशन से हम ने ट्रेन पकड़ी. यह 150 मील प्रति घंटे की गति से चल कर अबरडीन तक जाती है. ढाई बजे दोपहर को हमारा गंतव्य एडिनबर्ग आ गया. रास्ते में पड़ने वाली टाइन नदी बाईर्ं ओर पीलेपीले बड़ेबड़े खेत, हरभरे वृक्ष, साथसाथ चलता उत्तरी सागर ट्रेन में हमारी चाय व स्नैक्स का स्वाद दोगुना करते रहे.

ग्रेट ब्रिटेन के उत्तर में स्थित पहाडि़यों से घिरे लगभग 5,78,000 जनसंख्या वाला देश स्कौटलैंड बुद्धि, चेतना और क्रिया का अद्भुत संयोग है. उद्योग, कृषि, झीलों, पहाडि़यों व हरेभरे जंगलों का अकूत सौंदर्य अपने में समेटे हुए स्कौटलैंड ने साहित्यकारों, वैज्ञानिकों, कवियों, उपन्यासकारों व कलाकारों को जन्म दिया. यहां बेन नेविस सब से ऊंची चोटी है. इस की ऊंचाई 4,406 फुट है. एडिनबर्ग इस की ऐतिहासिक राजधानी है. यातायात के लिए यहां सुंदर सड़कें, रेलमार्ग और मोटर बोट सुलभ हैं. स्कौटलैंड लगभग 400 वर्षों तक फ्रांस, स्पेन जैसे शक्तिशाली देशों के मध्य युद्ध में फंसा रहा, इस के बावजूद यहां के आर्टिस्ट, विद्वान, कवि, साहित्यकार और वैज्ञानिक गरीबी व अभावों के बीच भी अपना प्रभाव छोड़ते हैं.

इस स्थान को रैस्टिंग प्लेस औफ नौवेलिस्ट भी कहते हैं. स्कौटलैंड का नैशनल एनिमल यूनिकौर्न है.

एडिनबर्ग

छठी शताब्दी के किंग एडविन के नाम पर इस नगर का नाम एडिनबर्ग पड़ा. 12वीं शताब्दी से 20वीं शताब्दी तक के किले, महल व सैन्यबल की झलक देता है यह शहर. यहां प्राचीन इमारतें हैं. शहर के दोनों ओर कलात्मक पार्लियामैंट हाउस व अन्य भवन दर्शकों के आकर्षण हैं. होटल पहुंच कर तनिक विश्राम के बाद हम हौपऔन हौपऔफ बस द्वारा एडिनबर्ग की जानकारी लेने चल पड़े. ओल्ड टाउन, नैशनल म्यूजियम, एडिनबर्ग कैसेल, जौर्जियन न्यू टाउन, होलीरूड हाउस पैलेस इत्यादि भी देख सकते हैं.

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