स्मार्टफोन्स में कम समय में ही कंपनियों ने कई बड़े बदलाव किए हैं. ये बदलाव यूजर्स को आकर्षित करने और टेक्नोलौजी का विस्तार करने के लिए किए गए हैं. ऐसा ही एक बदलाव हेडफोन जैक को लेकर देखने को मिला है.

अब तक फोन्स में 3.5mm औडियो जैक आता था. लेकिन इस चलन के अंत की शुरुआत भी हो चुकी है. एप्पल, मोटो, एचटीसी और लीईको जैसी कंपनियां इस चलन की शुरूआत कर चुकी हैं. अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर कंपनियां ऐसा क्यों कर रही हैं? इसके दो बड़े कारण हैं जो हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में बता रहे हैं.

स्मार्टफोन से क्यों गायब हो रहे हैं हेडफोन जैक

पहला कारण

फोन्स से हेडफोन जैक हटाना टेक्नोलौजी के विस्तार के साथ-साथ कंपनियों की जरुरत भी कही जा सकती है. आजकल कंपनियां स्लिम स्मार्टफोन्स लौन्च करने की होड़ में लगी हैं. ऐसे में स्लिम फोन पेश करने के लिए हेडफोन जैक हटाया जाता है. हालांकि, इससे 1 से 2mm का ही फर्क पड़ता है.

दूसरा कारण

इसके पीछे का दूसरा कारण यह है की कंपनियां अपने फोन्स में USB Type C को शामिल करना चाहती हैं. इससे ट्रांसमिशन और डिजिटल सिग्नल्स का कन्वर्जन होता है. हेडफोन जैक के मुकाबले इनकी औडियो क्वालिटी बेहतर होती है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

एक्सपर्ट के अनुसार कंपनियों ने टेक्नोलौजी ट्रेंड को बदलने के लिए यह कदम उठाया है. जिस तरह लोगों को डिजिटल ट्रांजैक्शंन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए नोटबंदी का कदम उठाया गया. उसी तरह टेक कंपनियां लोगों को वायरलेस टेक्नोलौजी की तरफ प्रोत्साहित करने के लिए नया ट्रेंड लेकर आ रही हैं. फिलहाल यूजर्स को महंगे वायरलेस हेडफोन्स की समस्या से जरूर जूझना पड़ सकता है. लेकिन जैसे-जैसे बिना हैडफोन जैक के फोन्स आम होंगे, वैसे-वैसे वायरलेस हेडफोन्स की कीमत भी कम हो जाएगी.

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