दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल स्थित छोंग्येछोन की तर्ज पर केजरीवाल सरकार दिल्ली के नालों की तस्वीर बदलना चाहती है. अपने तीन दिवसीय दौरे पर सियोल पहुंचे सीएम अरविंद केजरीवाल बुधवार को छोंग्येछोन देखने पहुंचे. आप ने केजरीवाल के दौरे की तस्वीर ट्वीट कीं.
दरअसल, छोंग्येछोन कभी प्रदूषण और गंदगी के लिए लिए बदनाम था. यहां 11 किमी लंबा एक नाला था जो कि हान नदी में जाकर गिरता था. 1976 में खराब हालत को देखते हुए इसे ढंककर एलिवेटेड रोड बना दिया गया. लेकिन 2003 में सियोल के मेयर ली मियंक-बक ने एलिवेटेड रोड हटाकर बहते पानी के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया. शुरुआत में बड़ी राशि खर्च होने के कारण आलोचना हुई. लेकिन 2005 में जब पिकनिक स्पॉट तैयार हुआ, लोग यहां घूमने पहुंचे तो खूब वाहवाही मिली. प्रोजेक्ट के लिए हान नदी से रोजाना 1.20 लाख टन पानी खींचा गया और ग्राउंड वॉटर रिचार्ज के लिए बहती नदी बनाई गई है. दोनों तरफ पैदल चलने की जगह है और गर्मी में यहां बहुत ज्यादा भीड़ होती है.
दिल्ली में कागजों से आगे नहीं बढ़े प्लान
दिल्ली में यमुना की सफाई के लिए कई प्लान बने. लेकिन कोई शुरू होने के बाद ठप हो गए . एक नजर:
पहला - इसमें यमुना का 5 किमी का रिवर फ्रंट डेवलप होना है. इसके लिए नवंबर, 2016 में प्लान बना. मार्च, 2017 में 200 करोड़ का बजट अलॉट किया गया. इसके बाद काम ठप हो गया.
दूसरा - नजफगढ़ नाला, सप्लीमेंट्री ड्रेन, शाहदरा नाला तीन बड़े नाले हैं. इसके अलावा बारापुला छोटा नाला है. तीनों बड़े नालों की सफाई के लिए एनजीटी के आदेश से इंटर सेप्टर सीवर डलने हैं. अभी तक पूरा नहीं हो पाया है.