वायरस जब कंप्यूटर में आते हैं तो अपने साथ कई अवांछित परिवर्तन भी लेकर आते है, जिससे कंप्यूटर सिस्टम में कई समस्याएं आ जाती है. अपने कंप्यूटर को वायरस से बचाने के लिए लोग अलग अलग एंटीवायरस का उपयोग करते हैं, लेकिन क्या आपने ऐसे वायरस का नाम सुना है जो फिरौती की मांग करता है. आजकल एक अलग तरह के वायरस का कंप्यूटर पर हमला हो रहा है, जिसे रैनसमवेयर कहा जाता है.

मई 2017 में भारत सहित 100 देशों में वानाक्राई रैनसमवेयर ने दूरसंचार कम्पनियों, सरकारी एजेंसियो, अस्पतालों और आम लोगो के 2 लाख से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम को संक्रमित कर दिया था.

इस रैनसमवेयर ने कंप्यूटर की फाइल्स को लौक कर वापस अनलौक करने के लिए बिटकाइन में 300 से 600 डालर फिरौती की मांग की थी. इसे सबसे बड़ा साइबर हमला माना जाता है. अब खबर आ रही है कि सरकार ने रैनसमवेयर पर अलर्ट जारी किया है. यह स्पैम मेल द्वारा फैल रहा है और बताया जा रहा है की देशभर में इस रैनसमवेयर का हमला हो सकता है.

आइए जानते हैं कि रैनसमवेयर क्या है?

ये ऐसा वायरस है, जिससे हमलावर दुनिया पर साइबर अटैक कर पैसे कमाना चाहते हैं. रैनसमवेयर कंप्यूटर में सभी फाइल को एन्क्रिप्ट कर लौक कर देता है और वापस अनलौक करने के लिए कंप्यूटर डिस्प्ले पर फिरौती की मांग वाला सन्देश भेजता है, लेकिन फिरौती देने के बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि फाइल्स वापस अनलौक हो जायेगी.

कैसे आता है रैनसमवेयर?

पुराने आपरेटिंग सिस्टम पर चल रहे कंप्यूटर जो समय के साथ अपडेट नहीं हुए हैं, उनपर रैनसमवेयर का खतरा ज्यादा है. विंडोज एक्सपी में चलने वाले सिस्टम आसानी से इससे प्रभावित हो चुके हैं. ज्यादातर हमले स्पैम मेल द्वारा हुए हैं, जिसमे ‘प्लीज रीड मी‘ लिखा था और इस अटैचमेंट पर क्लिक करने के बाद कंप्यूटर लौक हो गया था.

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