रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने एक इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप किंभो (Kimbho) को लौन्च किया है. कंपनी इसे व्हाट्सऐप के एक 'स्वेदशी' विकल्प के तौर पर पेश करना चाहती है. हालांकि, एंड्रायड और आईओएस प्लेटफार्म पर लाए गए Kimbho App को कई जानकारों ने बेहद ही असुरक्षित करार दिया है. एलियट एंडरसन नाम के एक फ्रेंच सिक्योरिटी रिसर्चर ने तो इस ऐप को सिक्योरिटी के नाम पर मजाक बताया है.

इस ऐप को एंड्रायड के ऐप मार्केट प्लेटफार्म गूगल प्ले से हटा भी लिया गया है, लेकिन यह ऐप्पल ऐप स्टोर पर अब भी डाउनलोड के लिए उपलब्ध है. इस प्लेटफार्म पर सोशल नेटवर्किंग कैटेगरी में यह ऐप चौथे स्थान पर दिखा रहा है. व्हाट्सऐप, फेसबुक और फेसबुक मैसेंजर के बाद. वैसे, रामदेव ने अभीतक इस ऐप को लेकर सार्वजनिक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है. लेकिन उनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किंभो ऐप लान्च से संबंधित ट्वीट को रिट्वीट जरूर किया गया है.

Alderson (@fs0c131y) नाम के ट्विटर हैंडल से साझा किए गए स्क्रीनशाट के मुताबिक, किंभो ऐप में आसानी से पढ़ जाने वाले JSON सिंटेक्स में यूजर डेटा को स्टोर किया जाता है. उन्होंने इस ऐप को एक मजाक और बेहद ही असुरक्षित करार दिया. उन्होंने दावा किया है कि वे आसानी से सभी यूजर के मैसेज को पढ़ पा रहे थे. एक वीडियो के जरिए उन्होंने यह भी दिखाया कि वह कितनी आसानी से 0001 और 9999 के बीच के किसी भी सिक्योरिटी कोड को चुन पा रहे थे और अपनी पसंद के किसी भी नंबर को भेजने में सफल रहे.

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