हममें से कई लोग ऐसे हैं जिन्हें नहीं पता कि RAM और ROM के बीच एक बड़ा अंतर होता है, अक्सर इस बात का जिक्र किया जाता है कि रैम (रैंडम एक्सेस मेमोरी) कम्प्यूटर की स्पीड के लिए होता है और रोम (रीड ओनली मेमोरी) स्टोरेज के लिए. इसके अलावा हमसभी इसके बारे में ज्यादा कुछ नहीं जानते. आज हम आपको इनके बीच के बड़े अंतर को स्पष्ट रूप से बताने वाले हैं.

अगर हम रैम से शुरुआत करें तो आपको बता देते हैं कि यह एक ऐसी चिप होती है. जो स्थाई होती है, जिसे डाटा को अपने पास सेव रखने के लिए पावर आदि की जरूरत होती है. इसके अलावा जैसे ही इसका कनेक्शन पावर से कटता है, वैसे ही इसमें मौजूद सभी जानकारी गायब हो जाती है.

अगर हम रोम की चर्चा करें तो इसमें रैम के मुकाबले उल्टा होता है, यह एक ऐसी चिप है जो परिवर्तनशील नहीं होती है. अगर आप इसमें एक बाद डाटा को सेव कर दें तो इसे बदला नहीं जा सकता है. इसे रीड ओनली मेमोरी के तौर पर देखा जाता है यानी एक बार डाटा सेव करने के बाद उसे महज पढ़ा जा सकता है, उसे बदला नहीं जा सकता है. अंग्रेजी में इसे नौन-वोलेटाइल स्टोरेज या मेमोरी भी कहा जाता है.

इनके बीच में कुछ अन्य अंतर भी हैं, जिनका जिक्र यहां करना जरुरी है अगर हम विस्तार से और स्पष्ट रूप से इनके बीच के अंतर को जानना चाहते हैं तो...

  • रैम को आप किसी डिवाइस में रोजमर्रा के कामों को करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, हालांकि इसके अलावा रोम को महज उसी समय इस्तेमाल किया जाता है, जब उस डिवाइस का निर्माण किया जा रहा होता है.
  • अगर आप रोम में डाटा को सेव करना चाहते हैं तो आपको बता दें कि इसके लिए आपको एक लम्बी प्रक्रिया से गुजरना होता है. हालांकि रैम में इसका उल्टा होता है, इसमें आप बड़ी तेजी से डाटा को सेव कर सकते हैं.

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