जीका और डेंगू के मच्छरों के खतरे से निपटने के लिए माइक्रोसॉफ्ट ने एक ऐसा प्रोटोटाइप ट्रैप बनाया है, जिसकी मदद से इन मच्छरों जनित बीमारियों का पता लगाकर बचा जा सकेगा. इस प्रोटोटाइप ट्रैप को माइक्रोसॉफ्ट के प्रोजेक्ट प्रीमोनीशन के तहत विकसित किया गया है. जीका और डेंगू जैसे मच्छरों से होने वाली बीमारी का पता लगाने और उसकी निगरानी व रोकथाम के लिए कंपनी की ट्रैप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में एक बड़ी खोज मानी जा रही है.

कंपनी के आधिकारिक बयान में कहा गया है इस तकनीक के माध्यम से कीट विज्ञानशास्त्रियों (एंटोमोलोजिस्ट) को तेजी से अवलोकन और रोकथाम के लिए जरूरी डेटा को जल्दी हासिल करने में काफी आसानी होगी.

3 करोड़ लोगों को हर साल जानलेवा बीमारी का करना पड़ता है सामना

ट्रैप नुमा यह मशीन वैज्ञानिकों को खुद अंतर करने में मदद करेगी कि मच्छर पकड़ना चाहते हैं, या कीड़ा. इससे उन मच्छरों को पकड़ने में काफी मदद होगी जिन्हें वे पकड़ना चाहते हैं. ट्रैप बहुत आसानी से काम करेगा इसमें बैटरी पॉवर्ड माइक्रोप्रोसेसर है जो डेटा को इकट्ठा करेगा और डाउनलोड करके उसको क्लाउड को भेज देगा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हर साल इन मच्छरों से 3 करोड़ लोगों को जानलेवा बीमारी का सामना करना पड़ता है. ट्रैप अभी प्रायोगिक चरण में है और विश्व में कई स्थानों पर टेस्ट किया जा रहा है. ट्रैप में और सुधार के लिए स्थानीय सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा डेटा माइक्रोसॉफ्ट रिसर्चर्स और कोलेबोरेटर्स को भेजा जा रहा है.

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