हाल ही में ई-कौमर्स वैबसाइट पेटीएम ने फ्री इंटरनैट सुविधा उपलब्ध कराने के दावे किए हैं. जाहिर है आजकल इंटरनैट को फ्री में लेने के लिए कौन नहीं उत्सुक होगा. अगर आप भी फ्री में इंटरनैट सुविधा चाहते हैं तो जरा अपनी खुशी के घोड़ों को लगाम दीजिए और पेटीएम के फ्री के फंडे को समझिए. डिजिटल मीडिया या औनलाइन प्लेटफौर्म पर फ्री में कुछ नहीं मिलता. पेटीएम की सेवा केवल 15 मिनट के लिए, वह भी पेटीएम अकाउंट एक्सेस करने वालों को मिलेग जाहिर है फ्री में इंटरनैट के मिलने का मुगालता पाले बैठे यूजर्स को धक्का लगा होगा. दरअसल, पेटीएम ने यह सर्विस अभी दिल्ली के एक मैट्रो स्टेशन से शुरू की है, जिसे धीरेधीरे अन्य स्टेशनों में चालू कर इस को विस्तार देगा. इस सर्विस से जुड़ी कंडीशन अप्लाई भी जरा समझिए. फ्री के लालच में न जाने कितने यूजर्स पहले तो अपना कीमती इंटरनैट लगा कर पेटीएम अकाउंट के लिए एप्लीकेशंस डाउनलोड करेंगे. फिर साइट पर कुछ खरीदफरोख्त या मनी ट्रांजैक्शन या कर कंपनी को मुनाफा पहुंचाएंगे. जाहिर है 15 मिनट में इस से ज्यादा कुछ नहीं हो सकता. यही है फ्री कौमर्स.

दुनिया  में कुछ भी मुफ्त में नहीं मिलता. हर चीज की कीमत चुकानी पड़ती है. कई बार कीमत प्रत्यक्ष तौर पर चुकाई जाती है तो कई बार अन्य वैकल्पिक जरियों से, जैसा कि आजकल कई उपभोक्ता और विज्ञापन कंपनियां औनलाइन प्लेटफौर्म पर बड़ी चालकी से मुफ्त सुविधाओं के नाम पर अप्रत्यक्ष तौर पर मनमाने दाम वसूल रही हैं. चालाकी से इसलिए क्योंकि उन का दावा है कि वे बिलकुल मुफ्त सुविधा दे रही हैं जबकि कंडीशन अप्लाई की तर्ज पर वे न सिर्फ आप की जेब ढीली करती हैं बल्कि आप का कीमती वक्त भी बरबाद करती हैं. कुछ मामलों में अगर गलती से आप ने थोड़े से पैसे बचा भी लिए तो भी ढेर सारे वक्त की बरबादी तय है.

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