कुछ नया खोजते रहना मनुष्य का स्वभाव है. आज हम विज्ञान व विज्ञान से संबंधित अनेक वस्तुओं का प्रयोग कर रहे हैं, वे सब मनुष्य की खोजी प्रवृत्ति का ही नतीजा हैं. खासतौर से ब्रह्मांड के रहस्य मानव को सदा ही लुभाते रहे हैं. आकाश और उस में चमकता चंद्रमा, टिमटिम करते तारे व दिन में रोशनी व गरमी देता सूरज मानव की जिज्ञासा व शोध का विषय रहे हैं, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक इन रहस्यों पर से परदा उठाने में कामयाब नहीं हुए हैं, लेकिन उन की खोजें जारी हैं.

वैज्ञानिकों ने हालांकि ब्रह्मांड में उपस्थित अनेक ग्रहों को तो खोज निकाला है, पर उन ग्रहों पर जीवन या जीवन की संभावना है या नहीं इस बारे में वे कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं करा सके हैं. करोड़ों प्रकाशवर्ष दूर स्थित चंद्रमा की धरती पर जब 1966 में अमेरिकी चंद्रयात्री नील आर्म स्ट्रौंग ने अपना पहला कदम रखा तो लगा कि अब चंद्रमा के रहस्यों का पता लगा पाना आसान हो जाएगा. इस यात्रा के बाद अनेक चंद्रयात्राएं वैज्ञानिकों ने कीं पर अभी भी वे इस नतीजे पर नहीं पहुंच सके कि वहां मानव जीवन का अस्तित्व संभव है या नहीं? चंद्रमा से संबंधित खोजों का सिलसिला जारी है. अभी तक चंद्रमा की धरती पर रह कर बड़े खोज अभियान और विभिन्न प्रयोग करना संभव नहीं हो पाया है. पर अब चंद्रमा पर स्थायी स्पेस स्टेशन बनाने का सपना जल्द ही पूरा हो सकता है, क्योंकि चंद्रयान-1 ने इस बात का पता लगाने में सफलता प्राप्त कर ली है कि वहां जल मौजूद है.

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