नेहा सोचती थी कि अगर वह फेसबुक से जुड़ेगी तो उस की पर्सनल लाइफ सब के सामने उजागर हो जाएगी. इसी कारण उसे फेसबुक पसंद न था बल्कि उस के फ्रैंड्स उसे फेसबुक से जुड़ने को कहते तो वह इसे टाइम वेस्ट बताती.
नेहा पढ़ाई में अपने अन्य फै्रंड्स के मुकाबले काफी होशियार थी. एक बार उन्हें डिफरैंट प्रोजैक्ट्स पर काम करने को मिला. नेहा ने अपनी सोच के अनुसार प्रोजैक्ट पर अच्छा काम किया, लेकिन उस में उस का सिर्फ अपना ही नजरिया था. उस के बाकी सभी फ्रैंड्स ने अपने विचारों के साथसाथ उस में फेसबुक के माध्यम से मिली बाकी लोगों की राय भी जोड़ दी. जिस कारण वे नेहा से बाजी मार ले गए. नेहा भूल गई थी कि रिसर्च वर्क में सिर्फ अपनी राय ही काम नहीं आती बल्कि अलगअलग विचारों को जोड़ना ज्यादा अच्छा रहता है.

नेहा जैसे अधिकांश युवा यही सोचते हैं कि फेसबुक सिर्फ चैटिंग व फोटोज अपलोड करने का माध्यम है, लेकिन ऐसा नहीं है. फेसबुक तो आज एक ऐसा सोशल प्लेटफौर्म बन गया है, जहां आप मस्ती करने के साथसाथ अपना व दूसरों का भी ज्ञान बढ़ा सकते हैं. यहां तक कि आपदाओं के समय भी सोशल नैटवर्क के जरिए एक बड़ा प्लेटफौर्म तैयार किया जा सकता है.

क्यों खास है फेसबुक

अपनों से जोड़े रखे

यूथ पर आजकल पढ़ाई व जौब का इतना अधिक तनाव है कि वे हर रोज किसी से मिलने के लिए समय नहीं निकाल पाते. ऐसे में अगर हमारा अधिक दिन तक किसी से संपर्क टूटता है तो रिलेशन में दूरियां न चाहते हुए भी बन जाती हैं. ऐसे में सोशल मीडिया हमें अपनों से जोड़े रखता है. भले ही हम कितने ही बिजी क्यों न हों, लेकिन फेसबुक के लिए समय तो निकाल ही लेते हैं, जिस के जरिए हम अपने करीबियों का हालचाल पूछ सकते हैं. यहां तक कि उन के जीवन में क्या कुछ खास चल रहा है इस की जानकारी भी फेसबुक पर उन के द्वारा अपलोड किए फोटोज से मिल जाती है.

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