थौमस रावेली और टियारा, लंदन के बकिंघम पैलेस के एरिया में एकदूसरे को आलिंगन में भर कर ‘दो दीवाने शहर में...’ वाली कहावत को चरितार्थ कर रहे थे. कभीकभी ‘किस’ का दौर भी होता. चलतेचलते रुक जाते और रोमांस की नई पराकाष्ठा पार कर जाते. इस जोड़े को मैं ने हैरी स्ट्रीट मैट्रो स्टेशन से नोटिस में लेना शुरू किया था. वे दोनों मैट्रो की परपल लाइन क्रौस कर बाहर निकले थे.

उस शहर में नई होने के कारण बकिंघम पैलेस घूमने जाने के लिए उसी मैट्रो की परपल लाइन क्रौस करने के दौरान उन से ही मैं ने रास्ता पूछा था. उन्होंने बताया था कि इस के लिए ग्रीन पार्क स्टेशन उतरना ठीक होगा. और कहा कि वे लोग भी उसी पैलेस को देखने जा रहे हैं.

सो, इधरउधर पूछने से छुटकारा मिल गया और एकटक उन के पीछेपीछे चलती चल रही थी. कहां टिकट लेना, किस गेट से ऐंट्री करना, किस लेन की ओर चलनामुड़ना सबकुछ सहज हो गया. एकदम फिट कपल, अंगरेजी मूवी ‘टाईटैनिक’ के हीरोहीरोइन के जोड़े जैसा लग रहा था.

18-20 साल का यह जोड़ा बीचबीच में कुछ टिकट आदि के दाम के बारे में भी पूछने पर बिलकुल भी खफा नहीं हो रहा था. बल्कि मेरे ‘बैग टू बी एक्सक्यूस्ड’ कहने पर उलटे कह देते ‘इट्स अवर प्लेजर’ और विस्तार से जानकारी देते. वहां की संस्कृति के अनुरूप, मेरे पूछने पर उन के रोमांस में कोई कमी नहीं आती. मानो प्यार किया तो डरना क्या.

उसी एरिया के बीचोंबीच एक शाही गार्डन था. गार्डन के बीचोंबीच मैटल की बड़ी सी सोल्जर यूनिफौर्म में एक आदमकद की मूर्ति थी. एक साइड म्यूज गैलरी थी जहां किस्मकिस्म के घोड़े थे. उन्हें विभिन्न राजा और रानियों के शौक के हिसाब से सजासंवार कर रखा गया था. एक तरफ बड़ा सा ग्रीन पार्क था. बकिंघम पैलेस का सोने का बड़ा सा शानदार शाही गेट था, जहां भीड़ देखने के लिए जमा थी. सुबहसुबह महारानी के शाही सैनिकों की घोड़ों की सवारी देखने के लिए भी रास्ते के दोनों तरफ पब्लिक का जमावड़ा बच्चेबड़ों सहित अपना स्थान निश्चित कर के कतारबद्ध था.

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