बात तब की है जब मैं पंजाब के एक जिले का एसपी था. मेरे इलाके में जो गांव आते थे, उन में एक गांव सादतपुर था. एक दिन इसी गांव का नंबरदार थाने आया. उस के साथ एक जवान लड़का था, जो कपड़ों से खातेपीते घर का लग रहा था. नंबरदार से पता चला कि उस लड़के का नाम सांवल है और वह एक संपन्न जमींदार है.  नंबरदार ने बताया था कि सांवल की घरवाली गुलबहार उर्फ गुल्लो ्लल से लापता है.

मैं ने थोड़ा नाराज हो कर कहा, ‘‘तुम्हारी घरवाली कल से लापता है और तुम रिपोर्ट लिखवाने आज आ रहे हो.’’

‘‘इज्जत की बात है आगा जी,’’ सांवल ने कहा, ‘‘पहले हम ने उसे अपनी रिश्तेदारियों में ढूंढा, उस के घर भी पता किया. उस के बारे में कुछ बताने के बजाय उस के मांबाप ने उलटा हमारे ऊपर ही आरोप लगा दिया कि हम ने उसे जानबूझ कर गायब किया है. जब वह कहीं नहीं मिली तो रिपोर्ट लिखाने आ गया.’’

‘‘शादी को कितने दिन हुए हैं?’’ मैं ने पूछा.

‘‘3 महीने हुए हैं जी.’’ सांवल ने बताया.

‘‘किसी से दुश्मनी तो नहीं है?’’

‘‘नहीं जी, गांव में किसी की क्या मजाल जो हमारी तरफ नजर उठा कर देख ले.’’ सांवल ने अकड़ कर कहा.

‘‘फिर भी किसी पर कोई शक.’’ मैं ने पूछा.

‘‘जी, मुझे शक है कि शादी से पहले उस के किसी से अवैध संबंध थे. लगता है, उसी के साथ भाग गई है?’’

‘‘घर से कोई रकम, गहने आदि गायब हैं क्या?’’ मैं ने पूछा.

‘‘घर में जितने भी गहने और महंगे कपड़े थे, वे सब गायब हैं. उस के पैरों में सोने की वजनी झांझर भी थी, जो मैं ने पहनाई थी, उन्हें भी ले गई.’’

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