आजकल की नई पीढ़ी 40 साल की उम्र तक नौकरी से रिटायरमेंट लेने की सोचने लगती है पर क्रिकेटर वसीम जाफर के इरादे कुछ और ही हैं. वे भले ही इंटरनेशनल लेवल पर ज्यादा कमाल न दिखा पाए हों पर घरेलू क्रिकेट खासकर रणजी क्रिकेट में तो उन का कोई सानी नहीं है.

'रणजी क्रिकेट के सचिन तेंदुलकर' कहे जाने वाले इस दिग्गज बल्लेबाज ने बुधवार, 21 नवंबर, 2018 को विधर्भ की तरफ से खेलते हुए रणजी ट्राफी में बड़ौदा के खिलाफ शतक जमा कर इतिहास रच दिया. अब वसीम जाफर रणजी ट्राफी में 11,000 रन का शानदार आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं.

वसीम जाफर ने इस ऐतिहासिक मैच की पहली पारी में 153 रन बनाए. यह उन के प्रथम श्रेणी कैरियर का 54वां शतक है.

याद रहे कि वसीम जाफर ही रणजी ट्राफी में 10,000 रन का आंकड़ा पार करने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. रणजी ट्राफी में सब से ज्यादा रन बनाने के मामले में दूसरे नंबर पर मुंबई के अमोल मजूमदार हैं. उन्होंने 9,202 रन बनाए हैं. इस के बाद तीसरे नंबर पर मध्य प्रदेश के देवेंद्र बुंदेला हैं जिन्होंने अमोल मजूमदार से बस एक रन कम बनाया है. उन के कुल 9,201 रन हैं.

इतना ही नहीं, वसीम जाफर के खाते में रणजी क्रिकेट में सब से ज्यादा 37 शतक और 81 अर्धशतक भी शामिल हैं.

26 फरवरी, 1978 को मुंबई में जन्मे वसीम जाफर का इंटरनेशनल क्रिकेट में इतना अच्छा रिकौर्ड नहीं रहा है. उन्होंने कुल 31 टेस्ट मैच खेले हैं जिनमें 34.10 की औसत से 1,944 रन बनाए हैं. उन्होंने टेस्ट मैचों में एक बार दोहरा शतक भी बनाया है. उन्होंने वनडे मैचों के नाम पर महज 2 मैच खेले हैं और बस 10 रन ही बनाए हैं.

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