शुक्रवार, 30 नवंबर, 2018 का दिन कुश्ती जगत के लिए ऐतिहासिक माना जाएगा, क्योंकि इसी दिन भारतीय कुश्ती महासंघ ने अपने पहलवानों के लिए अनुबंध प्रणाली की शुरुआत की. इस के तहत खिलाड़ियों को उन के प्रदर्शन के अनुसार ग्रेड में बांधा गया है और जो खिलाड़ी जिस ग्रेड में रहेगा उसे उसी के अनुसार वित्तीय राशि दी जाएगी.
याद रहे कि भारतीय कुश्ती महासंघ भारतीय ओलिंपिक संघ द्वारा मान्यता प्राप्त एकमात्र ऐसा राष्ट्रीय खेल महासंघ है जिस ने अपने खिलाड़ियों के लिए इस तरह के अनुबंध की पेशकश की है और ऐसा करने वाली वह भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के बाद दूसरी खेल संस्था बन गई है.
इस ग्रेड प्रणाली में पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और पूजा ढांडा को 30 लाख रुपए की राशि के ग्रेड ए अनुबंध में शामिल किया गया है. बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने इस साल कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीते थे. यह ग्रेड मिलना उन की इसी जीत का सुखद परिणाम है, जबकि पूजा ढांडा ने हाल ही में वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था और ऐसा करने वाली वे चौथी भारतीय महिला बन गई थीं.

चूक गए सुशील

2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार और रियो ओलिंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ग्रेड ए में जगह नहीं बना सके. इस की खास वजह यह है कि ये दोनों पहलवान पिछले कुछ समय से अपनी फॉर्म से जूझ रहे हैं, लिहाजा इन दोनों को ग्रेड बी में रखा गया है जिस में इन्हें एक साल में 20 लाख रुपए की वित्तीय मदद दी जाएगी.
इस ग्रेड प्रणाली की एक खासीयत यह भी है कि एक साल के बाद खिलाड़ियों के अनुबंधों की समीक्षा की जाएगी.
इस बारे में भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने बताया, ‘समीक्षा के बाद पहलवान ग्रेड में ऊपरनीचे हो सकते हैं. सुशील कुमार ने अपने 2 ओलिंपिक पदकों से देश में कुश्ती खेल का चेहरा ही बदल दिया है. वे अभी टूर्नामेंटों में इतना ज्यादा हिस्सा नहीं ले रहे हैं, यह जानते हुए भी उन्हें सूची में शामिल किया गया है. साक्षी मलिक का प्रदर्शन भी उतारचढ़ाव भरा रहा है लेकिन पहलवान अपने अच्छे प्रदर्शन से अगले ग्रेड में ऊपर चढ़ सकते हैं.’

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