विधि आयोग ने अपनी 276वीं रिपोर्ट में क्रिकेट पर सट्टा लगाने को वैध बनाने की सिफारिश की है. लौ कमीशन ने कानून मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट में एक टिप्पणी की है कि मौजूदा कानून सट्टा रोकने में पूरी तरह असरदार नही दिखा रहा, ऐसे में सरकार को क्रिकेट में सट्टे को नियमित कर देना चाहिए, इसमे पैन कार्ड और आधार के जरिए लागू कर देना चाहिए. साथ ही कहा है कि तमाम लेनदेन कैशलेस हों, जो भी स्याह सफेद कारगुजारी हो वो सरकार के सामने हो.

विधि आयोग ने गुरुवार को सिफारिश की कि क्रिकेट समेत अन्य खेलों पर सट्टे को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर प्रणालियों के तहत नियमित कर देय गतिविधियों के रूप में अनुमति दी जाए और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने के लिए स्रोत के रूप में इसका इस्तेमाल किया जाए. आयोग की रिपोर्ट ‘ लीगल फ्रेमवर्क : गैंबलिंग एंड स्पोर्ट्स बेटिंग इनक्लूडिंग क्रिकेट इन इंडिया ’ में सट्टेबाजी के नियमन के लिए और इससे कर राजस्व अर्जित करने के लिए कानून में कुछ संशोधनों की सिफारिश की गई है.

रिपोर्ट में कहा गया है , ‘‘ संसद सट्टेबाजी के नियमन के लिए एक आदर्श कानून बना सकती है और राज्य इसे अपना सकते हैं या वैकल्पिक रूप में संसद संविधान के अनुच्छेद 249 या 252 के तहत अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए विधेयक बना सकती है. यदि अनुच्छेद 252 के तहत विधेयक पारित किया जाता है तो सहमति वाले राज्यों के अलावा अन्य राज्य इसे अपनाने के लिए स्वतंत्र होंगे. ’’

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आयोग ने सट्टेबाजी या जुए में शामिल किसी व्यक्ति का आधार या पैन कार्ड भी लिंक करने की और काले धन का इस्तेमाल रोकने के लिए नकदी रहित लेन - देन करने की भी सिफारिश की है.

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