21वें कौमनवेल्थ गेम्स में भारत का डंका जमकर बोल रहा है. वेटलिफ्टिंग के बाद अब टेबल टेनिस में भी वतन को गोल्ड मेडल मिला है. रविवार का दिन भारत के लिए बेहद खास रहा. महिला टेबल टेनिस टीम ने सिंगापुर को हराकर गोल्ड मेडल पर कब्जा किया. इस तरह भारत के नाम अब तक कुछ आठ गोल्ड मेडल हो गए हैं.

टेबिल टेनिस टीम की इस शानदार जीत में दिल्ली की 22 वर्षीय मनिका बत्रा का रोल सबसे अहम रहा. जिन्होंने पहले मुकाबले में लीड लेने के बाद चौथे और निर्णायक मुकाबले में विरोधी को परास्त कर भारत का मान बढ़ाया.

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आज देशभर में मनिका बत्रा की चर्चा है. लेकिन ये मुकाम हासिल करने के लिए उन्हें बहुत कुछ दांव पर लगाना पड़ा है. यहां तक कि उन्होंने अपने गेम पर फोकस करने के लिए कौलेज, मौडलिंग और कौलेज की मस्तियां सब कुछ छोड़ दिया.

अपने दिए एक इंटरव्यू में मनिका बत्रा ने बताया था कि कैसे उन्होंने टेबिल टेनिस पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के लिए कौलेज क्लास तक छोड़ीं.

सिर्फ एग्जाम के लिए जाती थीं कौलेज

मनिका बत्रा ने बताया था कि वह एक महीने में सिर्फ एक बार ही कौलेज जा पाती हैं. इतना ही नहीं, वह सिर्फ एग्जाम के लिए ही कौलेज जा पाती थीं. हालांकि, बाद में जब उन्हें लगा कि ये सही नहीं है तो उन्होंने रेगुलर कौलेज छोड़ दिया और ओपन से पढ़ाई शुरू कर दी.

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