3 बच्चों की मां और अब से पहले 5 बार वर्ल्ड चैंपियन रह चुकी भारत की सुपर स्टार महिला मुक्केबाज एमसी मैरी कौम ने शनिवार, 24 नवंबर को शानदार इतिहास रच दिया. उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित की गई 10वीं आईबा वर्ल्ड वीमेन बौक्सिंग चैंपियनशिप के 48 किलोग्राम भारवर्ग में वह कारनामा किया है जो आज तक कोई महिला मुक्केबाज नहीं कर पाई है. उन्होंने फाइनल मुकाबले में यूक्रेन देश की हाना ओखोता को 5-0 से हरा कर खिताब अपने नाम किया.
इस के बाद जब उन के गले में पीले रंग का चमचमाता तमगा पहनाया गया तो 35 साल की 'मणिपुर की चमकती मणि' एमसी मैरी कौम इस चैंपियनशिप में 6 बार गोल्ड मैडल जीतने वाली दुनिया की पहली मुक्केबाज बन गईं. इस से पहले उन्होंने 2002, 2005, 2006, 2008 और 2010 में ऐसा ही कुछ कमाल किया था.
ऐसा रहा यह ऐतिहासिक मैच
फाइनल मुकाबले के पहले राउंड में ही एमसी मैरी कौम ने अपने इरादे जाहिर करते हुए हाना ओखोता पर अपने दमदार मुक्कों की बरसात कर दी थी. इस के बाद दूसरे राउंड में विदेशी मुक्केबाज का पलड़ा थोड़ा भारी रहा. लिहाजा बात तीसरे और आखिरी राउंड पर जा कर टिक गई. और जैसी उम्मीद थी इस राउंड में दोनों ही खिलाड़ी बराबर की नजर आईं, लेकिन मैरी कौम ने बेहतरीन खेल दिखाते हुए अपने जबरदस्त मुक्कों के दम पर मुकाबला अपने नाम कर लिया.
एमसी मैरी कौम ने साल 2102 में हुए लंदन के ओलिंपिक खेलों में भी शानदार प्रदर्शन करते हुए ब्रौन्ज मैडल हासिल किया था. वे 2014 में इंचियोन, दक्षिण कोरिया में हुए एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मुक्केबाज बनी थीं. और साल 2018 में गोल्डकास्ट में हुए कामनवेल्थ खेलों में भी वे पीला तमगा हासिल करने वाली पहली महिला मुक्केबाज बनी थीं.