28 नवंबर से 16 दिसंबर तक ओडिशा के भुवनेश्वर में हौकी विश्वकप का 14वां संस्करण खेला जाएगा. भारतीय हौकी टीम के लिए अपना खोया हुआ सम्मान वापस पाने का मौका है. मस्कत में संपन्न हुई एशियन चैंपियंस ट्रौफी में भारत और पाकिस्तान के बीच फाइनल मुकाबला बारिश के कारण न खेले जाने से दोनों टीमों को संयुक्त विजेता घोषित किया गया था.

भारतीय हौकी टीम के लिए यह खुशी की बात है और मलाल भी है. मलाल इसलिए कि टीम पाकिस्तान की उसी टीम को 6 देशों की लीग मुकाबले में 3-1 से हरा चुकी थी. यदि फाइनल मुकाबला होता तो निश्चित ही भारतीय टीम पाकिस्तान पर भारी पड़ती. जकार्ता में एशियाई खेलों में फाइनल में न पहुंच पाने का जख्म अभी भरा नहीं है. यह अच्छा मौका था पर बारिश ने उस जख्म को भरने नहीं दिया.

एशियाई खेलों में जिस मलयेशियाई टीम ने भारतीय टीम को फाइनल में नहीं पहुंचने दिया था उसी टीम ने मस्कत में भी भारतीय टीम को बराबरी पर रोक दिया. भारतीय फौरवर्डों ने कई मौके गंवा दिए. फिर से वही कमजोरी दोहराई गई.

पाकिस्तान और दक्षिण कोरिया की टीमों के साथ भारतीय टीम को उतनी मशक्कत नहीं करनी पड़ती जितनी कि मलयेशिया और जापान की टीमों के साथ करनी पड़ती है.

इन दोनों टीमों को अगर मात देनी है तो भारतीय टीम को रणनीति पर विचार करना होगा. भारतीय खिलाडि़यों ने जापानी खिलाडि़यों को मस्कत में हलके में लेना शुरू कर दिया था. सैमीफाइनल में गोल के लिए भारतीय खिलाडि़यों को कड़ा संघर्ष करना पड़ा और जहां पिछले मुकाबले में उन्हें 9-0 से मात दी थी वहीं इस मुकाबले में 3-2 से ही संतोष करना पड़ा.

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