डाक्टर बन कर लोगों को सेहतमंद जिंदगी देने का सपना देखने वाले एक होनहार लड़के ने शराब जैसी सामाजिक बुराई से हार कर अपनी जान दे दी. तमिलनाडु के तिरुनेलवेली में रहने वाले दिनेश ने बुधवार, 2 मई, 2018 को वन्नारपेट्टई में एक पुल से लटक कर खुदकुशी कर ली.

दिनेश का घर कुरुक्कलपट्टी में है. वह 12वीं जमात की पढ़ाई पूरी करने के बाद मैडिकल प्रवेश परीक्षा ‘नीट’ की तैयारी में लगा हुआ था. दरअसल, दिनेश के पिता शराब पीने के आदी हैं. इस वजह से परिवार को कई सारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

दिनेश ने अपने सुसाइड लैटर में लिखा, ‘अप्पा, मेरे मरने के बाद आप को शराब नहीं पीनी चाहिए. आप मेरी चिता को आग नहीं लगाएंगे, क्योंकि आप शराब पीते हैं. ‘आप अपना सिर भी न मुंडवाएं क्योंकि आप को इस का हक नहीं है. यह मेरी आखिरी इच्छा है, उस के बाद ही मेरी आत्मा को शांति मिलेगी. कम से कम अब तो शराब पीना बंद कर दीजिए.’

इतना ही नहीं, दिनेश ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलानीस्वामी को उस सुसाइड लैटर में लिखा, ‘देखते हैं कि अब मुख्यमंत्री के. पलानीस्वामी राज्य में शराबबंदी करते हैं कि नहीं. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो मेरी आत्मा दोबारा लौटेगी और यह काम कर के जाएगी.’ दिनेश के पिता मजदूरी करते हैं पर खूब शराब पीते हैं. दिनेश की मां की काफी पहले मौत हो चुकी है.

एक शराबी मजदूर का बेटा इस तरह शराबी बाप से तंग आ कर अपनी जान दे देगा, यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि इस तरह की सामाजिक बुराइयां कैसी भयंकर हो रही हैं. हमारे देश में शराब की खपत लगातार बढ़ती ही जा रही है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों पर गौर करें तो भारत में साल 2005 में प्रति व्यक्ति 106 लिटर शराब की खपत के मुकाबले साल 2012 में यह खपत 38 फीसदी बढ़ कर 202 लिटर हो गई थी.

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