दविंदर सिंह ने पैजामा पहनने के बाद अपनी 55 वर्षीय पत्नी गुरविंदर कौर को आवाज दे कर पूछा,

‘‘भाग्यवान, मेरी कमीज कहां है, मिल नहीं रही. ढूंढ कर जल्दी दे दो. मुझे देर हो रही है.’’

पति की आवाज सुन कर गुरविंदर कौर कमरे में आ गई. उन्होंने अलमारी से पति की कमीज निकाल कर उन की ओर बढ़ा दी. कमीज पहनने के बाद दविंदर सिंह ने पगड़ी बांधी और यह कह कर घर से निकल गए कि मैं दोपहर तक लौट आऊंगा.

यह 3 अगस्त, 2018 की बात है. लुधियाना के किशोर नगर के रहने वाले दविंदर सिंह गुरुद्वारे में ग्रंथी थे. उस दिन उन्हें किदवई नगर स्थित गुरुद्वारा साहब में पाठ करने जाना था. गुरुद्वारा साहब में श्री गुरुगं्रथ साहिब का अखंड पाठ चल रहा था.

गुरुद्वारा साहब में पाठ करने वाले ग्रंथी की हर 3-3 घंटे के अंतराल पर ड्यूटी बदलती थी. अपनी ड्यूटी खत्म कर के वह घर के लिए रवाना हुए और करीब ढाई बजे अपने घर पहुंचे. जब वह घर पहुंचे तब उन के घर के मुख्य दरवाजे पर ताला लगा हुआ था.

उन्होंने सोचा कि शायद उन की पत्नी गुरविंदर घर का कोई सामान लेने या अपने दोहता-दोहती को कुछ दिलवाने दुकान पर गई होगी. यह सोच कर वह घर के बाहर बैठ कर इंतजार करने लगे.

काफी देर तक इंतजार करने के बाद भी पत्नी नहीं आई तो वह सोच में पड़ गए कि इतनी देर हो गई, गुरविंदर और बच्चे कहां चले गए. इस बीच वह बारबार पत्नी के मोबाइल पर फोन भी मिलाते रहे. पर हर बार फोन स्विच्ड औफ ही मिला.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...