महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक में सक्रिय धार्मिक संस्था सनातन इन दिनों आतंकवाद के आरोपों से घिरी हुई है. पिछले 10 वर्षों में कई बार उस पर आतंकवादी घटनाओं में शामिल होने के आरोप लगते रहे हैं. महाराष्ट्र और कर्नाटक के 4 बुद्धिजीवियों नरेंद्र दाभोलकर, गोविंद पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्याएं आज भी पहेली बनी हुई हैं.

इन के सिलसिले में इस धार्मिक संगठन और इस से जुड़ी संस्था हिंदू जन जागृति समिति का नाम अकसर आता है. कई और बुद्धिजीवी इस के निशाने पर बताए जाते हैं, जिन में गिरीश कर्नाड और निकिल वागले के नाम शामिल हैं. हाल ही में उस के कई कार्यकर्ताओं के पास से नालासोपारा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए. पहले भी कई आतंकवादी गतिविधियों में इस के कार्यकर्ता पकड़े जा चुके हैं. चारों बुद्धिजीवियों की हत्या में सनातन या उस से जुड़ी संस्था का कोई न कोई कार्यकर्ता पकड़ा गया है.

महाराष्ट्र के एंटी टैररिस्ट स्क्वैड यानी एटीएस ने एक छापेमारी में दक्षिणपंथी संगठन सनातन संस्था के एक कथित समर्थक के घर से विस्फोटक बरामद किया. हालांकि संस्था ने उक्त व्यक्ति को अपना सदस्य मानने से इनकार किया है लेकिन कानूनी लड़ाई में उस की मदद करने को भी कहा है. एटीएस ने वैभव राउत के घर में छापा मारा था और 8 देशी बम बरामद किए थे. घर से कुछ दूर उस की दुकान से सल्फर (गन पाउडर) और डेटोनेटर भी बरामद हुए हैं. जब्त किए गए विस्फोटकों से 25-30 बम बनाए जा सकते हैं. छापेमारी के बाद वैभव राउत को गिरफ्तार कर लिया गया.

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