मी टू कैम्पैन का अब नया वर्ज़न मी टू इंडिया चर्चा में है. देश गवाह है समाजसेवी अन्ना हजारे द्वारा आम आदमी की भलाई के लिए चलाए गए भ्रष्टाचार विरोधी आन्दोलन में शामिल कुछ अतिसक्रिय कार्यकर्ताओं  ने आम आदमी पार्टी के नाम से राजनीतिक दल बनाया और आज वह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में सत्ता में है.

ऐसे में पुरुषों के अत्याचारों से पीड़ित महिलाओं के देशव्यापी बलिक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे मी टू कैम्पेन से भी राजनीतिक पार्टी उभरेगी, इस पर कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं. ऐसी राजनीतिक पार्टी, जो महिलाओं द्वारा बनाई जाए लेकिन वह आधी दुनिया यानी महिलाओं के लिए ही नहीं, बल्कि पुरुषों के हित के लिए भी काम करे.

दुनिया के तक़रीबन हर देश के समाज में हर स्तर पर महिलाओं को यौन शिक्षा के अभाव में यौनशोषण का सामना करना पड़ रहा है. वे पुरुषों की अहंकारी, गन्दी सोच की शिकार रही हैं. मौजूदा 21वीं सदी के दूसरे दशक में अब महिलाओं ने पुरुषों की क्रूर हरकतों का पर्दाफाश करने की ठान ली है. वे अब डर नहीं रही हैं बल्कि डरा रही हैं. अतीत की अपनी करतूतों से पुरुष डर रहे हैं. दागी पुरुष आज महिलाओं से भयभीत हैं कि कहीं वे भी मी टू का शिकार न हो जायें.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो मी टू के शिकार हैं, अपने को साफ़ स्वच्छ बताते व पुरुषों की तरफदारी करते हुए कहते हैं कि अमेरिका में जवानों के लिए ये मुश्किल समय है, वे महिलाओं द्वारा झूठे मामलों में अभियुक्त बनाए जा रहे हैं.  ट्रम्प के तमाम विचारों की तरह उनका यह विचार भी झूठ से लबरेज़ है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...