अगर आप में कुछ कर गुजरने की हिम्मत हो तो मुश्किलें कितनी भी आएं, आप उसे कर ही लेती हैं. ऐसी ही कुछ कर गुजरी हैं उत्तराखंड के देहरादून की रहने वाली 30 वर्षीय सृष्टि बक्शी, जो शादी के बाद अब हांगकांग में रहती हैं. उन्होंने कन्याकुमारी से श्रीनगर करीब 3800 किलोमीटर की दूरी 260 दिनों में पैदल चलकर तय की है. इस मिशन को उन्होंने ‘क्रौस बो माइल्स’ नाम दिया है. इसे करने की वजह महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें सशक्त बनाना है, क्योंकि महिलाएं घर हो या बाहर हमेशा प्रताड़ित होती हैं. कुछ तो इसे जन्म भर सहती हैं, कुछ आत्महत्या कर लेती हैं या कुछ डिप्रेशन का शिकार हो जाती हैं. ये गलत है और इसके विरुद्ध आवाज उठाने की जरुरत है.

सृष्टि कहती हैं कि एक दिन जब मैंने उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में मां और बेटी का पिता और भाई के सामने गैंग रेप की खबर को पढ़ा, तो मेरे होश उड़ गए. आज 21 वीं सदी में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, उन्हें पहनने, कहीं घूमने की आजादी नहीं है. ऐसे में ये कदम शायद उनके लिए बेहतर भविष्य ला सकेगा. इसी सोच से मैंने अपने पति और परिवार वालों से बात की और इस अभियान से जुड़ी. मैं इस मिशन के द्वारा पूरे देश में ऐसी कई जगह दिन में ही नहीं, रात में भी पैदल चलकर महिलाओं को उनके अधिकार से रूबरू करवाना चाहती हूं.

सृष्टि आगे कहती हैं कि कई बार बाहर रहकर मुझे सुनने में आता था कि भारत में महिलाएं सुरक्षित नहीं, जो मुझे अच्छा नहीं लगता था. मैं एक आर्मी औफिसर की बेटी हूं और 25 साल मैंने यहां जीवन बिताया है, ऐसे में मेरे साथ जब भी कुछ होता था, मैंने हमेशा डटकर मुकाबला किया है. इसलिए ये कदम मेरे लिए जरुरी था. ये काम मेरे लिए पैशन है और मैं तब तक करती रहूंगी जब तक लोग जागे नहीं.

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