किसी भी देश की राजधानी में बढ़ते अपराधों को कानून व्यवस्था का मामला बता कर टाला नहीं जा सकता. बढ़ रहे अपराध कानून व्यवस्था के साथसाथ देश के सामाजिक आर्थिक मनोविज्ञान को भी  उजागर करते हैं. दिल्ली में रोजाना लूटपाट, चोरी, छीनाझपटी, डकैती, लालच, बेईमानी से लोगों से पैसे ऐंठ लेने जैसी 8-10 घटनाएं आम हैं.

दिल्ली के पश्चिम विहार इलाके में बदमाशों ने दो सगी बहनों की घर में घुस कर निर्मम हत्या कर दी. वारदात के बाद आरोपी कीमती गहने और नकदी लूट कर चले गए. दोनों  अविवाहित बहनें आशा पाठक और ऊषा पाठक करीब 35 सालों से इस इलाके में रहती थीं. ऊषा हापुड़ डिग्री कालेज में म्यूजिक टीचर थीं और आशा कृषि भवन में इंडियन काउंसिल औफ एग्रीकल्चर रिसर्च में लाइब्रेरियन थीं.

पुलिस ने खोजबीन की तो देखा कि घर में सारा सामान बिखरा पड़ा हैं. बदमाश कितना माल ले गए, पता नहीं चल पाया. मृतक बहनों के रिश्तेदारों से पता चल पाएगा.

मौरिशनगर में बाइक सवार बदमाशों ने स्कूटी सवार युवक को गिरा कर दो लाख रुपए लूट लिए. युवक अपने मालिक की पेमेंट ले कर आ रहा था. इसी तरह सराय रोहिल्ला इलाके में बदमाशों ने वीना साहनी नामक महिला को सम्मोहित कर लाखों की ज्वेलरी लूट ली.

यमुना पार इलाके में एक महिला को दिवाली पर लक्ष्मी के रूठने की बात कह कर सोने की चैन लूट ली. महिला के पास दो युवक आए और कहा कि आप ने लक्ष्मी रूठी हुई है इसलिए कुछ अनर्थ हो जाएगा. यह कह कर युवकों ने महिला से सोने की चैन उतरवा ली और भाग गए.

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