‘‘हैलो दोस्तो, मेरा नाम सोनिया है. मैं राजस्थान के जोधपुर में रहती हूं. मेरी उम्र 24 साल है. मैं बहुत सैक्सी हूं और हमबिस्तरी के लिए नएनए मर्दों की तलाश में रहती हूं, जिस से ज्यादा से ज्यादा मजा ले सकूं.  मेरे उभार बहुत मोटे हैं और...

‘‘आज मैं आप को अपनी पहली हमबिस्तरी की कहानी बताने जा रही हूं. मैं तब 16 साल की थी और बहुत चंचल थी. मेरी एक सहेली थी रितु. वह भी मेरी तरह हमबिस्तरी की शौकीन थी. ‘‘एक दिन उस का फोन आया कि वह घर में अकेली है, रात को उस का बौयफ्रैंड आएगा. अगर तू चाहे तो आ जा, बड़ा मजा आएगा. ‘‘मैं झट से तैयार हो गई और मम्मीपापा से पूछ कर रितु के घर जा पहुंची और बैडरूम में जा कर जो नजारा देखा, तो मदहोश हो उठी. ‘‘रितु बगैर कपड़ों के अपने बौयफ्रैंड की गोद में बैठी थी, जो उस का अंगअंग मसल रहा था और चूम भी रहा था. यह देख कर मुझ से रहा न गया और मैं भी कपडे़ उतार कर उन की ओर लपकी...

‘‘यह कहानी आप सुन रहे हैं ‘कामुकता डौट कौम’ पर...’’

कचरा सैक्सी कहानी

इस तरह की और इस से भी ज्यादा सैक्सी कहानियां इन दिनों यू ट्यूब और गूगल पर धड़ल्ले से सुनी जा रही हैं, जिन में आवाज किसी लड़की की होती है, जो बेहद बिंदास और खुलेपन से इन्हें इस तरह सुना रही होती है कि सुनने वाले के बदन में बिजली का करंट दौड़ जाता है, क्योंकि कहानी सुना रही लड़की इसे अपनी आपबीती बताती है और अंगों के नाम भी ठीक वैसे ही लेती है, जैसे गालियों में इस्तेमाल किए जाते हैं. वह लड़की हमबिस्तरी को इस तरह बयां करती है कि सुनने वाले को लगता है कि सबकुछ सच है और उस की आंखों के सामने ही हो रहा है. ‘कामुकता डौट कौम’, ‘बैड टाइम हौट स्टोरी’ और ‘अंतर्वासना डौट कौम’ जैसी दर्जनभर पौर्न साइटों ने अपना बाजार बढ़ाने के लिए ग्राहकों की कमजोर नब्ज पकड़ते हुए उन्हें कहानियों के जरीए एक नई दुनिया में सैर कराने का मानो बीड़ा सा उठा लिया है.

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