जबलपुर निवासी राकेश मुदलियार के मोबाइल पर कौल आई. कौल करने वाले ने खुद को बैंक का शाखा प्रबंधक बताते हुए उन से कहा, ‘‘आप का एटीएम कार्ड बहुत पुराना हो गया है और जांच के लिए आप का कार्ड बंद करना पडे़गा.’’ उस के बाद उस ने एटीएम नंबर मांगा. फिर एक नंबर दिया और कहा कि इस नंबर में अपना एटीएम पिन जोड़ दें तो उन्हें नया एटीएम पिन दे देंगे. जैसा उस तथाकथित बैंक अधिकारी ने कहा, राकेश ने वैसा ही किया. फिर क्या था उन के बैंक खाते से 78,400 रुपए निकाल लिए गए 

इस घटना के 4 दिन बाद ही संजय के मोबाइल पर फोन आया. फोन करने वाले ने कहा, ‘‘मैं बैंक के मुंबई औफिस से जनरल मैनेजर बोल रहा हूं. तुम्हारा एटीएम 1 घंटे बाद बंद हो जाएगा. अगर एटीएम चालू रखना है तो एटीएम कार्ड के ऊपर लिखा नंबर बता दो.’’ उस की बातों में आ कर संजय ने नंबर बता दिया. उस ने पासवर्ड पूछा तो 4 नंबर का पासवर्ड भी बता दिया. फिर क्या था उस व्यक्ति ने 27 हजार रुपए की खरीदारी कर ली. पुलिस ने मोबाइल धारक के विरुद्ध भादंवि की धारा-420 एवं 66 आईटी ऐक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर दिया. इस तरह की ठगी एटीएम धारकों के साथ की जा रही है. एटीएम धारकों के साथ ठगी करने वाले गिरोह कुछ दिन शांत रहने के बाद फिर से सक्रिय हो जाते हैं. गिरोह के सदस्य अपनेआप को बैंक का अधिकारी बता कर लोगों को ठग रहे हैं.

ऐसे भी ठगे जा रहे हैं

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