जब पुलिस और प्रशासन पीडि़त पक्ष की बात नहीं सुनते तो पीडि़त किसी भी हद तक जाने की कोशिश करता है. कोई पानी की टंकी पर चढ़ जाता है, कोई पेड़ पर चढ़ कर फांसी लगाने की धमकी देता है, कुछ धरनाप्रदर्शन, तोड़फोड़ करते हैं. बस्ती जिले में एक सपेरे ने परेशान हो कर तहसील में सांप छोड़ दिया था. दनकौर में महिलाओं सहित पूरा परिवार कपड़े उतार कर प्रदर्शन करने लगा, जिस ने समाज के सभ्य चेहरे का मुखौटा उतार दिया. दनकौर की घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए. इस से पता चलता है कि आज भी दलितों की बात सुनी नहीं जाती है. शर्मनाक घटना से सबक न लेते हुए पुलिस ने पूरे परिवार पर आधा दर्जन धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर महिलाओं व बच्चों सहित सब को जेल भेज दिया. उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्ध नगर, महात्मा गौतम बुद्ध के नाम पर बसा है. यहीं दनकौर नामक जगह है. कहते हैं दनकौर को गुरु द्रोणाचार्य ने बसाया था. दनकौर थाने के अंतर्गत आने वाले गांव अट्टा गुजरान में सुनील गौतम का परिवार रहता है. सुनील के परिवार में उस का बड़ा भाई सोहनलाल आटो चलाने का काम करता है. सुनील गांव की जमीन पर खेती करता है. उस का छोटा भाई सुदेश सब्जी बेचने का काम करता है.

सोहनलाल की पत्नी का नाम रामकली है. सुनील के परिवार के नाम 8 बीघा जमीन का पट्टा मिला था. यह जमीन ग्रामसमाज की थी. जब यहां पास से यमुना ऐक्सप्रैसवे निकला तो जमीन की कीमत बढ़ गई. उस समय 1 बीघा जमीन पर गांव के दबंगों ने कब्जा कर लिया. इस बात को ले कर सुनील और उस के परिवार ने तहसील व थाने में शिकायत दर्ज कराई. 5 अक्तूबर को गांव के एक आदमी के साथ सुनील की लड़ाई हुई. सुनील इस बात की शिकायत ले कर दनकौर थाने गया. वहां पुलिस ने शिकायत तो दर्ज की पर आरोपी की गिरफ्तारी नहीं की. इस बात को ले कर सुनील ने थाने जा कर संपर्क किया तो पुलिस ने कहा कि यह शिकायत फर्जी है. सुनील इस बात से दुखी और परेशान था.

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