रिमझिम बारिश और सुहावने मौसम के लालच में आकर सत्यम ने अपने सभी दोस्तों को फोन घुमाया और बाहर चलने का प्लान बनाया. सभी दोस्त सत्यम की बात से से घूमने के लिए तैयार हो गए. 10 दोस्तों की टोली गाड़ी में सवार कानपुर स्थित गंगा बैराज पहुंची. सभी दोस्तों ने तय किया कि एकएक डुबकी लगाने के बाद घर वापस लौट जाएंगे. तय कार्यक्रम के मुताबिक सभी ने एकएक डुबकी लगाई, लेकिन बाद में सभी गाड़ी पर वापस लौटने की जगह सीढि़यों पर नदी में पैर लटका कर लेट गए और अपने मोबाइल फोन से सैल्फी खींचने लगे. कुछ देर बाद ही सत्यम के एक दोस्त ने कहा की कोई मेरा पैर खींच रहा है. सभी दोस्तों ने सत्यम की बात को हवा में लेते हुए उस का मजाक बनाना शुरू कर दिया, लेकिन देखते ही देखते सत्यम एक दोस्त डूबने लगा. उस की चीख ने सभी दोस्तों का ध्यान सैल्फी से उस की ओर खींचा.

कुछ दोस्त उसे बचाने के लिए पानी में कूदे लेकिन वे भी डूबने लगे. दोस्तों को डूबता देख सत्यम और उस के अन्य दोस्त भी नदी में कूद गए. लेकिन सभी एक भवर में फंसते चले गए. दूर से यह सब देख रहा आदमी भी नदी में सभी को बचाने के लिए कूद पड़ा. सत्यम के 4 दोस्तों को बचाने के बाद वह और 6 लड़के नदी के साथ ही बह गए.  चंद मिनटों में सुहावना मौसम खौफनाक हो गया. खुशियां मातम में बदल गईं और सैल्फी जीवन की आखिरी तसवीर बन कर रह गई. 10 में से बचे हुए 4 दोस्त यही सोच रहे थे कि काश आज सत्यम ने यह प्लान न बनाया होता, काश एकएक डुबकी लगाने के बाद हम सब वापस हो लिए होते, तो शायद जिंदगी दोस्तों को यूं अलविदा न कहती.

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