दिल्ली मेट्रो में हर दिन औसतन २८ लाख से अधिक लोग सफ़र करते हैं. दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर दिल्ली मेट्रो के कारण लोगों को सफ़र तय करने में काफी आसानी हो गयी है. हम यूं भी कह सकते हैं कि दिल्ली मेट्रो दिल्ली वालों की लाइफलाइन बन गयी है. लेकिन पिछले साल 2 अक्टूबर को 22 साल के शिवेश अधिकारी नाम के शख्स द्वारा राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर पिस्टल से खुद को गोली मारने की घटना के बाद दिल्ली मेट्रो की सिक्युरिटी पर सवाल उठने लगे.

इसी सवाल के मद्देनज़र सीआईएसएफ, जिसके पास दिल्ली मेट्रो और स्टेशनों की सिक्यूरिटी का पूरा जिम्मा है, ने मेट्रो स्टेशनों के 160 वीक प्वाइंट के बारे में बताया है, जहां से हथियार लेकर घुसने की संभावना हो सकती है. यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्टील के क्यू बैरीकेड स्टैंड लगाये गये हैं, ताकि लोग लाइन में लगकर ही मेट्रो में दाखिल हों, यहां वहां से दाखिल न हों.

दिल्ली मेट्रो में सफ़र करने वाले यात्रियों की जानकारी के लिए बता दें कि 213 किलोमीटर के रूट पर, सुबह 6 बजे से रात 11.30 बजे तक चलने वाली  मेट्रो की सिक्युरिटी में सीआईएसएफ के 3500 जवान तैनात रहते हैं और 5200 से ज्यादा कैमरों से नजर रखी जाती है. सीआईएसएफ के जवान लगातार इन कैमरों के फुटेज पर नजर रखते हैं और किसी भी तरह की संदिग्ध स्थिति में तुरंत हरकत में आते हैं.

यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेनों और स्टेशनों - अंडरग्राउंड स्टेशन पर 45 से 50 कैमरा, जबकि एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन पर 16 से 20 कैमरे लगाए गए हैं. इसके अलावा ट्रेनों में भी कैमरे लगाए गए हैं.

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