महान नाविक कोलंबस भारत और पूर्वी एशियाई देशों के लिए समुद्री रास्ता खोजते हुए अमेरिका की ओर जा रहा था. अक्तूबर, 1492 का दिन था. अचानक  बीच समुद्र में कंपास ने काम करना बंद कर दिया. तभी उन्होंने आसमान में एक आग का गोला देखा, जो तेजी से आ कर सीधे समुद्र में गिरा. यह क्षेत्र था बरमूडा फ्लोरिडा, बरमूडा और प्योर्टीरिको के बीच का वह त्रिभुजाकार क्षेत्र जो अटलांटिक महासागर में स्थित है. इस प्रकार हुई घटना ने उसे दहला दिया. वह रास्ता बदल स्पेन की ओर मुड़ा और आगे की यात्रा की.

बरमूडा क्षेत्र में आने पर बड़ेबड़े पानी के जहाज व हवाईजहाज गायब हो जाते थे औैर उन का कहीं कोई अतापता नहीं चलता था. सर्वप्रथम कोलंबस का इस समस्या से सामना हुआ. यह क्षेत्र प्योर्टीरिको, दूसरी ओर फ्लोरिडा और तीसरी ओर बरमूडा नामक स्थान पर है. यह क्षेत्र 25 से 40 डिगरी उत्तरी अक्षांश और 55 से 95 डिगरी पश्चिमी देशांतर रेखाओं के बीच फैला एक त्रिकोणीय स्थान है जो लगभग 5 लाख वर्गमील में फैला है.

इस क्षेत्र में जब भी कोई जहाज पहुंचता उसके रेडियो संकेत कट जाते और कंट्रोल रूम से उस का संपर्क समाप्त हो जाता, फिर रहस्यमयी तरीके से जहाज गायब हो जाता. इन का पता लगाना भी असंभव था, जैसेजैसे समय बीतता गया इस का रहस्य गहराता रहा.

बरमूडा के इस ट्राइएंगल क्षेत्र में पिछले 100 साल से लगभग 25 हवाईजहाज व 10 छोटेबड़े समुद्रीजहाज गायब हो चुके हैं. एक आंकड़े के अनुसार औसतन 4 हवाईजहाज और 20 समुद्री जहाज इस इलाके में रहस्यमय तरीके से गायब हो जाते हैं.

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