बिहार में पटना से सटे बिहटा ब्लौक के इलाकों में जमीन खरीदने, बेचने और गैरकानूनी तरीके से सरकारी जमीनों पर कब्जा करने की होड़ मची हुई है. बिहटा में आईआईटी बनने के बाद वहां कई रिएल ऐस्टेट कंपनियों ने भी अपने पैर जमा लिए हैं और कम कीमत पर जमीन खरीद कर अपार्टमैंट्स बनाने का धंधा चालू कर दिया है. इस से बिहटा में जमीन की कीमतों में कई गुना ज्यादा इजाफा होने से जमीन को ले कर कई तरह की तिकड़मबाजी चल रही है. हालत यह है कि सूखी नदी की जमीन पर कब्जा जमाने की होड़ मची हुई है.

वहीं दूसरी ओर अपनी मरजी से सरकारी योजना के लिए जमीन देने वाले किसान मुआवजा पाने के लिए पिछले 5 सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं. बिहटा में दनवा नदी के सूखने के बाद पहले तो दबंगों ने उस की खाली जमीन पर कब्जा जमाया और अब उसे बेचने की साजिशें भी शुरू हो चुकी हैं. कई जमीनें बिक भी गई हैं. अब उन पर पक्के मकान भी बनने शुरू हो गए हैं. इतना होने के बाद भी प्रशासन की नींद नहीं खुल सकी है. जमीन को खरीदने वाले भी दबंग ही हैं और जमीन लेने के तुरंत बाद जेसीबी मशीन लगा कर जमीन पर मिट्टी भराने का काम शुरू कर दिया है. वहीं के बाशिंदों ने जब इस मामले के बारे में थाने को जानकारी दी, तो थाने ने टका सा जवाब दे दिया कि इस मामले में उसे कोई शिकायत नहीं मिली है.

बिहटाखगौल सड़क के किनारे बहने वाली दनवा बरसाती नदी है और वह पिछले कई सालों से सूखी पड़ी है. इस वजह से कई दबंगों और जमीन माफिया की नजरें उस पर गड़ी हुई हैं. पहले उस में बांस, फूस और खपरैल की झोंपडि़यां बनाई गईं और अब उस पर कानूनन कब्जा जमाने के लिए उस की खरीदफरोख्त का काम भी शुरू कर दिया गया है. बिहटा पटना शहर से 35 किलोमीटर की दूरी पर बसा है. पटना शहर के बढ़ने से बिहटा में जमीन की कीमतें काफी बढ़ गई हैं और वहां जमीन खरीदने की होड़ सी मची हुई है. कई छोटीबड़ी रिएल ऐस्टेट कंपनियों ने वहां काम चालू कर रखा है. बिहटा के अम्हारा गांव के पास 5 सौ एकड़ जमीन में आईआईटी बनने के बाद वहां की जमीन की कीमतों में काफी उछाल आया है. पटना एयरपोर्ट को भी  फुलवारीशरीफ से हटा कर बिहटा में ले जाने की तैयारी चल रही है.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...