साल 2013. साधु सुंतों और महात्माओं के देश भारत के उत्तर प्रदेश का जिला शाहजहांपुर, जो क्रांतिकारी शहीदों की जन्मभूमि, खूबसूरत कालीनों की निर्माणस्थली और चीनी मिलों की मिठास के लिए जाना जाता है, आजकल कथावाचक आसाराम द्वारा तथाकथित यौन उत्पीड़न की शिकार हुई उस नाबालिग लड़की के लिए चर्चा में है जिस के पिता आसाराम को अपना ‘भगवान’ मानते थे. शहर में चारों ओर आसाराम को ले कर हंगामा बरपा हुआ है. एक तरफ आसाराम के समर्थक शहर में प्रदर्शन कर रहे हैं तो दूसरी ओर शहर के आम लोग आसाराम का पुतला फूंक कर अपने गुस्से का इजहार कर रहे हैं. 

पीडि़त परिवार को आसाराम के समर्थकों द्वारा धमकियां मिल रही हैं. युवती के घर को पुलिस सुरक्षा मुहैया करवा दी गई है. घर के मुख्य गेट पर 2 कौंस्टेबलों को और घर के भीतर 1 दारोगा व 2 महिला कौंस्टेबलों को तैनात किया गया है जो चौबीसों घंटे उन के घर पर मौजूद रहते हैं. मीडियाकर्मियों का उन के घर आनाजाना लगा हुआ है. कुछ दिन पहले एक महिला ने पत्रकार के भेष में कई दिनों तक उन के घर में प्रवेश करने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उसे भीतर नहीं जाने दिया. इसी कारण मीडियाकर्मियों को काफी छानबीन के बाद ही घर के भीतर जाने की इजाजत दी जा रही थी. जब हम पीडि़ता के घर उस के पिता से मिलने पहुंचे तो हमें मुख्य गेट पर बैठे 2 कौंस्टेबलों ने रोक लिया. उन में से 1 क ौंस्टेबल हमारा प्रैस कार्ड ले कर भीतर मौजूद दारोगा के पास गया. कुछ समय बाद आ कर उस ने हमें इंतजार करने को कहा.

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